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Union Minister Shivraj Singh Chouhan launched the National Campaign against Gender Related Violence - Nayi Chetna 3.0 in New Delhi
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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में लैंगिक सम्बंधी हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान- नई चेतना 3.0 का शुभारंभ किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल नई दिल्ली के रंग भवन सभागार में लैंगिक हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान “नई चेतना – पहल बदलाव की” के तीसरे संस्करण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सरकार ने महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लैंगिक हिंसा केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी एक मुद्दा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की मौजूदगी में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे समन्वित प्रयासों से प्रत्येक महिला गरिमा, सम्मान और आत्म-विश्वास के साथ जीवन जिए।

शिवराज सिंह चौहान ने 13 राज्यों में 227 नए लैंगिक संसाधन केंद्र (जीआरसी) का भी उद्घाटन किया। ये केंद्र लैंगिक हिंसा के पीड़ितों को सूचना प्राप्त करने, घटनाओं की रिपोर्ट करने और कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं। प्रत्येक जीआरसी सहायता नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है, इसलिए यहां पीड़ित अपने अनुभवों के बारे में अवगत कराते समय प्रमाणिक और सशक्त महसूस कर सकते हैं।

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केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने नई चेतना 3.0 के शुभारंभ पर #अबकोईबहनानाही अभियान की शुरुआत की और लैंगिक सम्बंधी हिंसा (जी.बी.वी.) के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा 10 करोड़ एसएचजी महिलाओं और 49 महिला-केंद्रित योजनाओं के बारे में जानकारी दी जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देती हैं और 24×7 राष्ट्रीय हेल्पलाइन, वन-स्टॉप सेंटर और फास्ट-ट्रैक न्याय पहल के माध्यम से पीड़ितों को सहायता प्रदान करती हैं। अन्नपूर्णा देवी ने जोर देकर कहा कि जी.बी.वी. को समाप्त किया जाना चाहिए, और सभी महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समावेश के लिए समान अवसर मिलने चाहिए।

ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने भी लैंगिक सम्बंधी हिंसा को समाप्त करने के लिए समाज के समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।

ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह ने नई चेतना 2.0 अभियान की जानकारी साझा करते हुए कहा कि छह करोड़ से अधिक व्यक्ति इससे जुड़े है, नौ लाख से अधिक सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से लैंकि सम्बंधी हिंसा के खिलाफ संवाद और कार्रवाई को बढ़ावा दिया। इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए, नई चेतना 3.0 ‘एक साथ एक आवाज़ – हिंसा के खिलाफ़’ संदेश के साथ सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करती है, जिसका उद्देश्य सुरक्षित, समावेशी स्थान बनाना और असमानता की बाधाओं को दूर करना है, जिसमें सम्मिलित प्रयासों के माध्यम से समाज और सरकार के दृष्टिकोण को अपनाया जाता है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) द्वारा आयोजित एक महीने की अवधि वाला अभियान 23 दिसंबर 2024 तक सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जाएगा। डीएवाई-एनआरएलएम के व्यापक एसएचजी नेटवर्क के नेतृत्व में यह पहल जन आंदोलन की भावना का प्रतीक है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा न्याय विभाग जैसे आठ सहयोगी मंत्रालयों/विभागों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतर-मंत्रालयी संयुक्त परामर्श भी इस शुभारंभ कार्यक्रम में जारी किया गया। लैंगिक सम्बंधी हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रत्येक सहयोगी मंत्रालय/विभाग की शक्ति का लाभ उठाने सम्बंधी यह परामर्श “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण की भावना को दर्शाता है।

झारखंड, पुडुचेरी और मध्य प्रदेश की तीन लैंगिक चैम्पियनों ने पीड़ित से नेता बनने तक के अपने अनुभव साझा किए।

नई चेतना 3.0 के उद्देश्यों में लैंगिक सम्बंधी हिंसा के सभी रूपों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, समुदायों को आवाज उठाने और कार्रवाई की मांग करने के लिए प्रोत्साहित करना, समय पर सहायता के लिए समर्थन प्रणालियों तक पहुंच प्रदान करना और हिंसा के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए स्थानीय संस्थाओं को सशक्त बनाना शामिल है।

इस कार्यक्रम में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रतिनिधियों, पूरे भारत से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और भागीदार नागरिक समाज संगठनों ने भाग लिया।

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