सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद पश्चिम एशिया से भागकर अपने परिवार के साथ मॉस्को पहुंच गए हैं। रूस के राष्ट्रपति भवन-क्रेमलिन के सूत्रों के अनुसार वहां उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी गई है। बशर अल असद को राजधानी दमिश्क का नियंत्रण अबू मुहम्मद अल-जोलानी के नेतृत्व में विद्रोही गुटों के हाथों में आने के बाद देश छोड़ना पड़ा। इसके साथ ही, सीरिया में दशकों से चला आ रहा असद का शासन समाप्त हो गया।
रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने कल बशर अल असद के मास्को में पनाह लेने की पुष्टि कर दी है। असद सरकार का पतन लंबे समय से चले आ रहे मजबूत क्षेत्रीय शक्तियों में बडे बदलावों का प्रतिक है। विपक्षी ताकतों द्वारा सीरियाई राजधानी दमिश्क में बडी तेजी से हमला किया गया, जिसका समापन प्रमुख सरकारी संस्थानों और कुख्यात सैदनाया जेल पर कबजे के रूप में हुआ। दमिश्क की ऐतिहासिक उमय्यद मस्जिद में, विद्रोही नेता अल-जोलानी ने इसे पूरे इस्लामी राष्ट्र की जीत की घोषणा की। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने देश में स्वतंत्र चुनाव कराने का आह्वान किया है। उन्होंने देश में सत्ता परिवर्तन के बीच इस संबंध में अल-जोलानी के साथ चल रही वार्ता की पुष्ठि भी की है।
सीरिया की राजनीतिक स्थिति में तेजी से हुए बदलाव ने क्षेत्रीय स्थिरता में अरब देशों की चिंता बढ़ा दी है। इस्राइल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमास के नेतृत्व में हुए हमले और उसके बाद गज़ा में संघर्ष से पैदा तनाव के बीच यह चिंता और भी गंभीर हो गई है।