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Union Minister of State for Health Anupriya Patel delivered the keynote address at the 15th International Meeting of the World Pharmacopoeia in New Delhi today
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केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज नई दिल्ली में विश्व फार्माकोपिया की 15वीं अंतर्राष्ट्रीय बैठक में मुख्य भाषण दिया

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने विश्व फार्माकोपिया की 15वीं अंतर्राष्ट्रीय बैठक (आईएमडब्ल्यूपी) में मुख्य भाषण दिया, जिसका आयोजन नई दिल्ली में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से किया गया। बैठक में वैश्विक फार्माकोपियल मानक नेताओं, नियामक प्राधिकरणों एवं उद्योग के हितधारकों को एक मंच पर लाया गया जिससे औषधीय मानकों एवं समन्वय से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जा सके।

सभा को संबोधित करते हुए, अनुप्रिया पटेल ने वैश्विक फार्मास्यूटिकल मानकीकरण एवं नियामक अभिसरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने भारत की भूमिका को “विश्व की फार्मेसी” के रूप में उजागर किया तथा वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आईएमडब्ल्यूपी औषधि विज्ञान एवं नियामक सामंजस्य में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।

इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री ने आईपीसी न्यूज़लेटर 2024 और एक विशेष आईपीसी वीडियो फिल्म भी जारी की, जो भारत की औषधि विज्ञान में प्रगति और आयोग के उच्च गुणवत्ता वाले फार्मास्यूटिकल मानकों को सुनिश्चित करने की कोशिशों को दर्शाती है।

पुण्य सलिला श्रीवास्तव, सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, ने फार्मास्यूटिकल गुणवत्ता मानकों को मजबूती प्रदान करने में वैश्विक साझेदारियों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ नियामक संरचनाओं को संरेखित करने एवं वैश्विक स्तर पर सुरक्षित और प्रभावी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में भारत के प्रयासों को दोहराया।

डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी, सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक, आईपीसी, और औषधि नियंत्रक जनरल (भारत), ने औषधि विज्ञान में वैश्विक मानकों को स्थापित करने में आईपीसी के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर किया। उन्होंने आईपीसी की पहलों पर विस्तार से बात की, जिसमें आईपी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी शामिल है, जो भारतीय फार्माकोपिया मानकों की पहुंच एवं उपयोगिता को बढ़ावा देता है। उन्होंने वैश्विक फार्मास्यूटिकल मानकों को आकार देने में वैज्ञानिक प्रगति एवं नियामक सहयोग की भूमिका पर बल दिया।

डॉ. रोडेरिको एच. ऑफ्रिन, भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि ने फार्माकोपियल मानक निर्धारण में भारत के नेतृत्व की सराहना की और रोगी सुरक्षा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में नियामक समन्वय के महत्व पर बल दिया।

15वां आईएमडब्ल्यूपी प्रमुख केंद्रीत क्षेत्रों पर चर्चा को सुविधाजनक बनाने के लिए निर्धारित है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • 14वें आईएमडब्ल्यूपी की सिफारिशों पर अपडेट एवं सामंजस्य पहलों पर प्रगति की समीक्षा।
  • अशुद्धता मूल्यांकन (क्यू3) में उभरते मुद्दे और फार्माकोपियल मोनोग्राफ विशिष्टताओं पर आईसीएच क्यू6 दिशानिर्देशों के प्रभाव।
  • फोरम के लिए दीर्घकालिक शासन संरचना स्थापित करने के आईएमडब्ल्यूपी चार्टर को परिभाषित करना।
  • फार्माकोपियल वार्ता समूह (पीडीजी) से अपडेट के साथ वैश्विक फार्माकोपिया एवं नियामक निकायों के बीच सहयोग को बढ़ाना।
  • फार्माकोपियल प्रथाओं और फार्मास्यूटिकल निर्माण मानकों में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • 15वें आईएमडब्ल्यूपी के लिए रिपोर्टों को अंतिम रूप प्रदान करना और 16वें आईएमडब्ल्यूपी के लिए प्रारंभिक चर्चा करना।

आईएमडब्ल्यूपी में हुआ विचार-विमर्श दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा एवं प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में फार्माकोपिया की भूमिका को मजबूत करेगा। बैठक के परिणाम मानक-निर्धारण एवं नियामक समन्वय में भविष्य के सहयोगों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

15वें आईएमडब्ल्यूपी आज शुरू हुई और इसका समापन 07 फरवरी 2025 को होगा। इन तीन दिनों में होने वाली चर्चाएं वैश्विक फार्माकोपियल सहयोग को और मजबूत करने एवं दवा गुणवत्ता आश्वासन को बढ़ावा देने के लिए मंच तैयार करेंगी।

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