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KVIC organised State Level PMEGP Exhibition at PWD Ground, New Sanghvi, Pune
भारत

केवीआईसी ने पुणे के न्यू सांघवी स्थित पीडब्ल्यूडी ग्राउंड में राज्य स्तरीय पीएमईजीपी प्रदर्शनी का आयोजन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से और ‘नए भारत की नई खादी’ को नया आयाम देने के उद्देश्य से रविवार (23 फरवरी, 2025) को पुणे के पीडब्ल्यूडी ग्राउंड न्यू सांघवी में राज्य स्तरीय पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार और विधायक शंकर भाऊ जगताप मौजूद थे। इस प्रदर्शनी में खादी और ग्रामोद्योग की 60 से अधिक इकाइयों ने भाग लिया। यह प्रदर्शनी 2 मार्च, 2025 तक जारी रहेगी।

इस उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान, ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत 470 कारीगरों को प्रशिक्षण देने के बाद 674 उपकरण वितरित किए गए। इसमें 300 कुम्हारों को उनके इस्‍तेमाल वाले 300 इलेक्ट्रिक चाक, 30 मधुमक्खी पालकों को 300 मधुमक्खी पालन के बक्से और मधुमक्खी कालोनियां, 40 कारीगरों को बेकार लकड़ी के शिल्प टूलकिट, 20 कारीगरों को 4 दोना पत्तल बनाने की मशीनें, 10 कारीगरों को चमड़ा निर्माण मशीनें और राज्य कार्यालय, केवीआईसी महाराष्ट्र के अधिकार क्षेत्र के तहत पुणे, जलगांव, धुले, नांदेड़, अहमदनगर और सोलापुर जिलों के 20 कारीगरों को इलेक्ट्रीशियन टूलकिट वितरित किए गए। इससे पहले, 10 फरवरी को महाराष्ट्र के विदर्भ के भंडारा जिले में ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत 314 कारीगरों को 584 मशीनरी और टूलकिट वितरित किए गए थे।

उद्घाटन के दौरान चिंचवाड़ के विधायक शंकर जगताप और पिंपरी चिंचवाड़ की विधायक उमा गिरीश खापरे ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की सराहना की। दोनों ने केवीआईसी के अध्यक्ष के साथ स्टॉल का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीण कारीगरों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए केवीआईसी के प्रयासों की भी सराहना की और उनके दरवाजे पर आधुनिक टूलकिट और मशीनरी प्रदान करने और उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए भी केवीआईसी के प्रयासों की सराहना की।

कार्यक्रम के दौरान केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘ब्रांड शक्ति’ से खादी की बिक्री और उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। उन्होंने अपने संबोधन में खादी क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस अवधि में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री पांच गुना बढ़कर 31,000 करोड़ रुपये से 1,55,000 करोड़ रुपये हो गई है। खादी वस्त्रों की बिक्री 1,081 करोड़ रुपये से छह गुना बढ़कर 6,496 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 10.17 लाख नए लोगों को रोजगार मिला है। केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में खादी कारीगरों की आय में 213 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आज खादी सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, बल्कि भारत की पहचान बन गई है।” खादी के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 80 प्रतिशत से अधिक योगदान माताओं और बहनों का है।

केवीआईसी के चेयरमैन ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में 34 खादी संस्थाओं, 38694 पीएमईजीपी इकाइयों और 13 स्फूर्ति क्लस्टरों के माध्यम से 3,19,014 लोगों को रोजगार मिल रहा है । उन्होंने बताया कि ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत महाराष्ट्र में अब तक 3280 इलेक्ट्रिक चाक और 6800 मधुमक्खी के बक्से और मधुमक्खी कालोनियों का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, पंजाब और कर्नाटक समेत कई राज्यों की खादी संस्थाएं और उद्यमी पुणे में 2 मार्च, 2025 तक चलने वाली राज्य स्तरीय पीएमईजीपी प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं।

प्रदर्शनी में उपलब्ध सभी उत्पाद स्वदेशी और पर्यावरण के अनुकूल हैं। इस अवसर पर आयोजित खादी फैशन शो में खादी को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के उद्देश्य से खादी के उत्कृष्ट डिजाइनों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को लाइव डेमो के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिससे आगंतुकों को उनके निर्माण की प्रक्रिया को समझने का अवसर मिला।

कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थी, खादी कार्यकर्ता तथा महाराष्ट्र सरकार और केवीआईसी के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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