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Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan participated in the Kisan Mela organized at the Agriculture University in Jodhpur today
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केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज जोधपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किसान मेला में सहभागिता की

केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजस्थान स्थित जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किसान मेला में सहभागिता की और उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज आपसे मिलकर बहुत प्रसन्न हूं। मैं किसान भाई-बहनों के परिवार का सदस्य हूं और खुद भी किसान हूं। मैं हर महीने अपने खेत पर जाता हूं, खेती करता हूं, कृषि जीवन का आधार है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने तय किया कि अगर एक किसान की फसल भी खराब हो जाए तो बीमा कंपनी को उसको मुआवजा देना पड़ेगा। हमने ये भी तय किया है कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद तय समय सीमा में किसान के खाते में राशि चली जाए अगर तय समय सीमा में किसान के खाते में राशि नहीं जाती है तो बीमा कंपनी पर 12% ब्याज लगा कर किसान के खाते में राशि डालेंगी।

केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केवल परंपरागत फसलों से काम नहीं चलेगा, जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय को में बधाई देता हूं, उन्होंने ऐसे प्रयास किए जिससे कई परिस्थितियों में किसान को फायदा हो सकता है। विविधीकरण, इंटरक्रॉपिंग अलग-अलग तरीके से हम कैसे विविधीकरण के माध्यम से ज्यादा फायदा कर सकते हैं। एक बात और है, वह है प्राकृतिक और जैविक खेती। कई राज्यों में खाद के ज्यादा उपयोग ने जमीन को बंजर भूमि की कगार पर पहुंचा दिया है। उर्वरक क्षमता घट रही है, मित्र कीट मारे जा रहे हैं, केंचुओं का पता नहीं है, कई तरह के मित्र कीट समाप्त हो गए हैं इसलिए आज नहीं तो कल हमें प्राकृतिक खेती, जैविक खेती पर विचार करना पड़ेगा। इसलिए प्राकृतिक कृषि मिशन बनाया है, एक साथ नहीं करना है, लेकिन 5 एकड़ जमीन है तो कम से कम आधा एकड़ पर प्राकृतिक खेती हो। मैं जोधपुर विश्वविद्यालय के मित्रों से यही कहूंगा कि हमें भी समाज की सेवा करनी है, यूनिवर्सिटी, वैज्ञानिक और किसान के संबंध जब तक नहीं रहते, तब तक हम जितना भी कुछ कर लें कोई फायदा नहीं रहता। अगर हमने शोध किया है तो उसे किसान तक ढंग से पहुंचा दें, विज्ञान और किसान मिले, यूनिवर्सिटी, किसान को नई टेक्नोलॉजी, शोध की जानकारी दें जिससे वह उनका उपयोग खेतों में कर सकें। किसानों का खेत नहीं तीर्थ है, हमें उसमें जाना चाहिए। आज हमने कई फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। आज वो दिन नहीं है कि हमें अमेरिका से सड़ा गेहूं मंगवाना पड़े। अब तो हिंदुस्तान का गेहूं, दुनियाभर में धूम मचा रहा है। यह किसान की मेहनत है लेकिन हमें आगे जाकर दुनिया का फूड बास्केट बनाना है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फल, सब्जी और अनाज किसी भी मशीन में बनाई नहीं जा सकती है, वो तो किसान ही खेत में पैदा कर सकता है और जीवन का आधार भी खेती, किसानी ही है। आज भी आधे से ज्यादा आबादी खेत पर ही निर्भर है। कोविड के दौरान जब सब कारखाने बंद हो गए तो एक ही कारखाना काम करता था, खेती और किसान लगातार फसलों का उत्पादन कर रहा था। भारत और विश्व के लिए खेती जरूरी है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है, उसके प्राण हैं और किसानों की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैसे खेती, किसानी आगे बड़े, कैसे किसानों की आमदनी बढ़े, हमारी जलवायु अलग-अलग है, वर्षा कम होती है, रेत चारों तरफ फैली हुई है, भावी चमत्कार करने का सामर्थ्य है तो केवल किसानों में है।

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