भारत की दो और आर्द्रभूमि स्थलों को रामसर सूची में शामिल किया गया, देश में अब 91 रामसर स्थल
भारत के दो और ऐतिहासिक स्थलों को रामसर धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। इसके साथ ही भारत में रामसर स्थलों की संख्या 91 हो गई है। राजस्थान के फलौदी में खीचन और उदयपुर में मेनार आर्द्रभूमि को रामसर स्थलों की प्रतिष्ठित सूची में जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण में भारत की निरंतर प्रगति की प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में जन भागीदारी के साथ पर्यावरण संरक्षण में बहुत तेजी से प्रगति हो रही है। रामसर सूची का उद्देश्य वैश्विक जैव विविधता का संरक्षण और मानव जीवन को बनाए रखना है। रामसर कन्वेंशन आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसका नाम कैस्पियन सागर पर स्थित ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहाँ 2 फरवरी, 1971 को संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत ने पहली फरवरी, 1982 को इस संधि को मंजूर कर लिया।