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DRDO transfers technologies of nine systems to 10 industries
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डीआरडीओ ने 10 उद्योगों को नौ प्रणालियों की प्रौद्योगिकियां हस्तांतरित की

सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की भागीदारी के साथ एक मजबूत रक्षा औद्योगिक तंत्र स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप, महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में स्थित डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला – वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (वीआरडीई) ने 10 उद्योगों को नौ प्रणालियों की प्रौद्योगिकियां हस्तांतरित करके एक बड़ा कदम उठाया है। 7 जून, 2025 को वीआरडीई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत की उपस्थिति में लाइसेंसिंग समझौते सौंपे गए। इन उद्योगों को हस्तांतरित की गई प्रौद्योगिकियां इस प्रकार हैं:

क्र. सं. उत्पाद/प्रौद्योगिकीउद्योग भागीदार
1. रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, परमाणु (सीबीआरएन) टोही वाहन (ट्रैक्ड) एमके-II भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
2. माउंटेड गन सिस्टमभारत फोर्ज लिमिटेड
3. आतंकवाद रोधी वाहन – ट्रैक किया गया संस्करणमेटलटेक मोटर बॉडीज़ प्राइवेट लिमिटेड
    4.    मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन एमके-1ए के लिए 70टी टैंक ट्रांसपोर्टर का पूर्ण ट्रेलरबीईएमएल लिमिटेड
टाटा इंटरनेशनल व्हीकल एप्लीकेशंस
एसडीआर ऑटो प्राइवेट लिमिटेड 
जॉन गाल्ट इंटरनेशनल 
5. विस्तार योग्य मोबाइल शेल्टरभारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड 
6. वज्र-दंगा नियंत्रण वाहनटाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड 
7. एमबीटी अर्जुन के लिए यूनिट रखरखाव वाहन   बीईएमएल लिमिटेड
8. एमबीटी अर्जुन के लिए यूनिट मरम्मत वाहन 
  9.  बहुउद्देश्यीय परिशोधन प्रणाली दास हिताची लिमिटेड 
गोमा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड

वीआरडीई ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और उभरते क्षेत्रों पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए सीओईपी टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, पुणे के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. कामत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी प्रणालियों के असाधारण प्रदर्शन के लिए डीआरडीओ और उद्योग जगत की सराहना की। उन्होंने उद्योग जगत को क्षमता वृद्धि की योजना बनाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने भूमि प्रणालियों और हथियार प्लेटफार्मों के लिए उच्च-स्तरीय तकनीकी समाधान प्रदान करने में वीआरडीई के प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ प्रोफेसर (डॉ) प्रतीक किशोर, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं महानिदेशक (आयुध एवं युद्ध इंजीनियरिंग) क्लस्टर डीआरडीओ; वीआरडीई के निदेशक जी राममोहन राव और अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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