प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के तूतुकुड़ी में 4800 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के विकास कार्यों का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु के तूतुकुड़ी में 4800 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के विकास कार्यों का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया। विश्वस्तरीय हवाई अवसंरचना विकसित करने और संपर्क बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री ने तूतुकुड़ी हवाई अड्डे पर लगभग 450 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, जिसे दक्षिणी क्षेत्र की बढ़ती विमानन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ने तूतुकुड़ी हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन का अवलोकन भी किया।
17,340 वर्ग मीटर में फैला यह टर्मिनल व्यस्त समय में 1,350 यात्रियों और सालाना 20 लाख यात्रियों को संभालने की क्षमता से युक्त होगा, भविष्य में इसकी क्षमता बढ़ाकर व्यस्त समय में 1,800 यात्री और सालाना 25 लाख यात्री की जा सकेगी। 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग, ऊर्जा-दक्ष ईएंडएम सिस्टम और ऑन-साइट सीवेज शोधन संयंत्र के माध्यम से उपचारित जल के पुन: उपयोग के साथ, इस टर्मिनल को जीआरआईएचए-4 सतत रेटिंग प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है। इस आधुनिक बुनियादी ढाँचे की बदौलत क्षेत्रीय हवाई संपर्क में उल्लेखनीय वृद्धि होने और दक्षिणी तमिलनाडु में पर्यटन, व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलने की आशा है।
सड़क अवसंरचना क्षेत्र में, प्रधानमंत्री ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दो राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। पहली परियोजना एनएच-36 के 50 किलोमीटर लंबे सेठियाथोप-चोलापुरम खंड को 4 लेन का बनाने से संबद्ध है, जिसे विक्रवंडी-तंजावुर कॉरिडोर के अंतर्गत 2,350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। इसमें तीन बाईपास, कोल्लीडम नदी पर 1 किलोमीटर लंबा चार लेन का पुल, चार बड़े पुल, सात फ्लाईओवर और कई अंडरपास शामिल हैं, जिससे सेठियाथोप-चोलापुरम के बीच यात्रा का समय 45 मिनट कम हो जाएगा और डेल्टा क्षेत्र के सांस्कृतिक और कृषि केंद्रों से संपर्क बढ़ेगा। दूसरी परियोजना 5.16 किमी. एनएच-138 तूतुकुड़ी बंदरगाह मार्ग को 6 लेन का बनाना है, जिसे लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। अंडरपास और पुलों के निर्माण से माल ढुलाई आसान होगी, लॉजिस्टिक्स की लागत में कटौती होगी और वीओ चिदंबरनार बंदरगाह के आसपास बंदरगाह-आधारित औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
बंदरगाह के बुनियादी ढाँचे और स्वच्छ ऊर्जा पहलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर लगभग 285 करोड़ रुपए मूल्य के 6.96 एमएमटीपीए कार्गो हैंडलिंग क्षमता वाले नॉर्थ कार्गो बर्थ-III का उद्घाटन किया । इससे क्षेत्र में ड्राई बल्क कार्गो की बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने में सहायता मिलेगी, जिससे समग्र बंदरगाह दक्षता में सुधार होगा और कार्गो संचालन लॉजिस्टिक्स के अनुकूल होगा।
प्रधानमंत्री ने स्थायी और कुशल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए दक्षिणी तमिलनाडु में तीन प्रमुख रेलवे अवसंरचना परियोजनाओं का लोकार्पण किया। 90 किलोमीटर लंबी मदुरै- बोडिनायक्कनूर लाइन के विद्युतीकरण से पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और मदुरै तथा थेनी में पर्यटन एवं आवागमन को बढ़ावा मिलेगा। तिरुवनंतपुरम-कन्याकुमारी परियोजना के अंतर्गत, 21 किलोमीटर लंबे नागरकोइल टाउन-कन्याकुमारी खंड का 650 करोड़ रुपए की लागत से दोहरीकरण, तमिलनाडु और केरल के बीच संपर्क को मज़बूत करेगा। इसके अतिरिक्त, अरलवयमोझी-नागरकोइल जंक्शन (12.87 किमी) और तिरुनेलवेली-मेलाप्पलायम (3.6 किमी) खंडों के दोहरीकरण से चेन्नई-कन्याकुमारी जैसे प्रमुख दक्षिणी मार्गों पर यात्रा का समय कम होगा और यात्री एवं माल ढुलाई क्षमता में सुधार के माध्यम से क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य की विद्युत अवसंरचना को और सुदृढ़ तथा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री ने एक प्रमुख विद्युत पारेषण परियोजना- कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 3 और 4 (2×1000 मेगावाट) से बिजली की निकासी हेतु अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) की आधारशिला रखी। लगभग 550 करोड़ रुपए की लागत से विकसित इस परियोजना में कुडनकुलम से तूतुकुड़ी-II जीआईएस सबस्टेशन और संबंधित टर्मिनल उपकरणों तक 400 केवी (क्वाड) डबल-सर्किट ट्रांसमिशन लाइन शामिल होगी। यह राष्ट्रीय ग्रिड को मजबूत करने, विश्वसनीय स्वच्छ ऊर्जा वितरण सुनिश्चित करने और तमिलनाडु तथा अन्य लाभार्थी राज्यों की बिजली की बढ़ती मांगों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।