केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वाणिज्य विभाग के तहत बागान बोर्डों – मसाला बोर्ड, चाय बोर्ड, रबर बोर्ड, कॉफी बोर्ड और हल्दी बोर्ड के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में वाणिज्य विभाग और संबंधित बोर्डों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
पीयूष गोयल ने बाजार विविधीकरण, मूल्यवर्धित उत्पादों को बढ़ावा देने, गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने और विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के तहत भारत को मिलने वाले लाभों के अधिकतम उपयोग के माध्यम से निर्यात अवसरों का विस्तार करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बोर्ड द्वारा इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के सहयोग से ब्रांड ‘भारत’ को बढ़ावा देने पर बल दिया, जिसमें प्रत्येक बोर्ड समान रूप से योगदान दे। उन्होंने सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मेलों में एक ‘भारत मंडप’ स्थापित करने का सुझाव दिया ताकि बोर्ड सामूहिक रूप से अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकें। मंत्री महोदय ने यह भी निर्देश दिया कि सभी बोर्ड अपने भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों को अपने लोगो में ‘भारत’ को शामिल करके बढ़ावा दें।
पीयूष गोयल ने बोर्डों से वर्तमान योजनाओं के माध्यम से उत्पादकों, श्रमिकों और उनके परिवारों का कल्याण सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। उन्होंने उनके लिए कौशल विकास कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया और बोर्डों को इस संबंध में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि अच्छी कृषि पद्धतियों, गुणवत्ता और जैविक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम पहले से ही चलाए जा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि बोर्डों के सभी हितधारकों को व्यवसाय सुगमता उपायों, संवेदनशीलता और जनसंपर्क कार्यक्रमों के माध्यम से सहयोग प्रदान किया जाना चाहिए।
पीयूष गोयल ने बोर्ड से अटल नवाचार मिशन की तर्ज पर एक साझा इन्क्यूबेशन सेंटर के निर्माण की संभावना तलाशने का भी आह्वान किया, ताकि अनुसंधान, नवाचार और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जा सके।