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Army Chief visits forward areas in Central Sector to assess operational preparedness and review progress of community activities
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सेना प्रमुख ने मध्य क्षेत्र के अग्रिम इलाकों का दौरा कर परिचालन तैयारियों का आकलन किया और सामुदायिक गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा की

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने मध्य क्षेत्र की अग्रिम चौकियों का दौरा कर परिचालन तैयारियों का आकलन किया, सैनिकों का उत्साहवर्धन किया तथा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में असैन्य-सैन्य संबंधों को और सुदृढ़ किया।

थल सेनाध्यक्ष ने अपनी यात्रा के दौरान पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाकों और आसपास की अग्रिम चौकियों पर तैनात सैन्य संरचनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने उन्नत निगरानी प्रणालियों, विशेषज्ञ गतिशीलता मंचों, अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के एकीकरण, टोही परिसंपत्तियों के अनुकूलन और संबद्ध सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय सहित वर्तमान में जारी अन्य क्षमता-वृद्धि कार्यक्रमों की समीक्षा की। जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने चुनौतीपूर्ण भूभाग में सैनिकों की कार्य कुशलता, अनुशासन, सामरिक दक्षता और नए उपकरणों के नवाचारी उपयोग की भी सराहना की।

सेना प्रमुख ने दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात सैनिकों से बातचीत करते हुए विषम जलवायु परिस्थितियों और कठिन भूभाग में उनके अदम्य साहस, लचीलेपन एवं कर्तव्यनिष्ठा की प्रशंसा की। उन्होंने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सेना की पूर्ण तैयारी पर विश्वास व्यक्त किया और “स्वयं से पहले सेवा” के आदर्श को आत्मसात करने का आह्वान किया। जनरल द्विवेदी ने पूर्व सैनिकों एवं स्थानीय समुदायों से भी संवाद किया। सेना प्रमुख ने उनके योगदान और बलिदान को नमन किया तथा सभी रैंकों व उनके परिजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

सेना प्रमुख ने कुमाऊं क्षेत्र के सामरिक महत्व पर बल देते हुए विशेष रूप से नेपाल और चीन से लगते सीमावर्ती इलाकों के प्रवेश द्वार के रूप में स्थानीय लोगों की देशभक्ति, समन्वय एवं अटूट संकल्प के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कुमाऊं रेजिमेंट की गौरवशाली विरासत का उल्लेख किया और ऑपरेशन सद्भावना तथा वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत की जा रही गतिविधियों की समीक्षा की, जिनमें गर्ब्यांग व कालापानी में टेंट आधारित होमस्टे, सड़क अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण, हाइब्रिड पावर सिस्टम की स्थापना, चिकित्सा शिविरों का आयोजन और पॉलीहाउस के माध्यम से कृषि सहायता जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने इस बात पर बल दिया कि कुमाऊं में भारतीय सेना “करुणा के साथ शक्ति” की भावना का सजीव प्रतीक है, जो सीमावर्ती समुदायों को सशक्त बनाते हुए राष्ट्र की सीमाओं की दृढ़तापूर्वक रक्षा कर रही है।

जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने दौरे का समापन करते हुए परिचालन उत्कृष्टता को निरंतर बनाए रखने, असैन्य-सैन्य सद्भाव को और प्रगाढ़ करने तथा राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, सम्मान एवं सेवा की गौरवशाली परंपराओं को अडिग रूप से बनाए रखने के भारतीय सेना के अटल संकल्प की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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