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President Draupadi Murmu addressed the convocation ceremony of Footwear Design and Development Institute
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत तेज़ी से आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक आर्थिक मंच पर आर्थिक भूमिका विस्तारित करने में सक्षम है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत फुटवियर क्षेत्र को ‘चैंपियन सेक्टर’ का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार फुटवियर क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के साथ ही प्रोत्साहन दे रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत फुटवियर उत्पादन और इसके खपत के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का फुटवियर निर्यात 2500 मिलियन डॉलर से कुछ अधिक था जबकि इसका आयात लगभग 680 मिलियन डॉलर था। इसे देखते हुए भारत का फुटवियर निर्यात आयात का लगभग चार गुना है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में फुटवियर का प्रमुख निर्यातक है पर इसे और बढ़ाने के लिए फुटवियर व्यवसाय का विस्तार ज़रूरी है जिससे इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को उद्यम स्थापित कर रोज़गार सृजन या उद्यमों में रोज़गार पाने के अवसर बढ़ेंगे।

राष्ट्रपति ने फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट और नॉर्थम्प्टन विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हर्ष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इससे भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते के अंतर्गत सहयोग और गहन होगा। उन्होंने रेखांकित कि यह समझौता ज्ञापन टिकाऊ सामग्रियों और चक्रीय अर्थव्यवस्था पर विशेष ज़ोर देता है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास पर्यावरण संरक्षण के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि फुटवियर डिज़ाइन के क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण पहलू हैं। उन्होंने स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को अपने कार्यों द्वारा समाज और देश के लिए बहुमुखी योगदान देने के व्यापक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे फुटवियर डिज़ाइन से लोगों के स्वास्थ्य और उपादेयता, कार्यक्षमता में सुधार, अपने कार्य द्वारा लोगों के लिए रोज़गार सृजित करने, अपेक्षाकृत पीछे रह गए लोगों को आर्थिक विकास में भागीदार बनाने, भारत के निर्यात में योगदान देकर अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने, गुणवत्तापूर्ण उत्पादों द्वारा वैश्विक बाज़ार में भारत को ब्रांड एंबेसडर बनाने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में अपना योगदान देने की हेतु कार्य करें।

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