हाथरस घटना से संबंधित खबर आज अनेक अखबारों की पहली सुर्खी है। 121 जिंदगिया खत्म, हिसाब बाकी- दैनिक भास्कर की हैडलाइन है। जनसत्ता लिखता है- भोले बाबा का नाम एफ.आई.आर में नहीं, आरोपी मुख्य सेवादार फरार। भगदड की जांच तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग करेगा। दैनिक जागरण की भी ऐसी ही सुर्खी है- आयोजकों पर केस, बाबा का नाम नहीं।
अमर उजाला ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री के जवाब को सबसे ऊपर दिया है- संविधान पर बुल्डोजर चलाने वालो के मुंह से उसकी रक्षा की बात शोभा नहीं देती।
झारखण्ड के मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन के इस्तीफे और हेमंत सोरेन के दावा पेश किए जाने तथा दिल्ली में केजरीवाल मामले की सुनवाई पर दैनिक ट्रिब्यून की टिप्पणी है- ईधर ताजपेशी की तैयारी, उधर सुनवाई जारी।
जनसत्ता ने नए आपराधिक कानून के संबंध में लिखा है- यौन अपराधों में अब लैंगिक समानता के आधार पर होगी कार्रवाई। लडकों की खरीद-फरोख्त को भी अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा।
राष्ट्रीय सहारा ने बताया है- नीट पीजी का पेपर दो घंटे पहले तैयार होगा।