insamachar

आज की ताजा खबर

A provision of Rs 11,11,111 crore has been made for capital expenditure in Budget 2024-25
बिज़नेस

बजट 2024-25 में पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया

केन्‍द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विगत वर्षों में अवसंरचना का निर्माण करने तथा इसे बेहतर बनाने के लिए किए गए पर्याप्त निवेश का अर्थव्यवस्था पर अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हम अन्य प्राथमिकताओं और राजकोषीय समेकन की आवश्यकताओं के अनुरूप, अगले 5 वर्षों में अवसंरचना के लिए सुदृढ़ राजकोषीय सहायता बनाए रखने का प्रयास करेंगे। इस वर्ष, मैंने पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया है। यह हमारी जीडीपी का 3.4 प्रतिशत होगा।

इसी तरह बुनियादी ढांचे के लिए मदद प्रदान करने को लेकर राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा कि हम राज्यों को उनकी विकास प्राथमिकताओं के अध्यधीन, अवसंरचना के लिए उसी पैमाने की सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रोत्साहित करेंगे। राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ के दीर्घावधि ब्याज रहित ऋण का प्रावधान किया गया है।

अवसंरचना में निजी निवेश को बढ़ावा देने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि समर्थकारी नीतियों और विनियमनों के माध्यम से अवसंरचना में निजी क्षेत्र द्वारा निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए एक बाजार आधारित वित्तपोषण फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।

जनसंख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पीएमजीएसवाई के लिए पात्र बने 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सिंचाई और बाढ़ से निपटने के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार ने अक्सर बाढ़ को झेला है, उनमें से बहुतों की उत्पत्ति देश से बाहर होती है। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजनाओं पर प्रगति होनी बाकी है। हमारी सरकार, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से, `11,500 करोड़ की अनुमानित लागत से कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और बैराजों, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं सहित 20 अन्य चालू और नई स्कीमों जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, कोसी से संबंधित बाढ़ उपशमन और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और अन्वेषण भी किया जाएगा।

सीतारमण ने असम में निरंतर आने वाली बाढ़ की समस्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि असम प्रतिवर्ष भारत के बाहर उद्गम होने वाली ब्रह्मपुत्र नदी और इसकी सहायक नदियों द्वारा बाढ़ की विभीषिका का सामना करता है। हम असम को बाढ़ प्रबंधन और उससे संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान करेंगे।

वित्त मंत्री ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले वर्ष बाढ़ के कारण हुई व्यापक हानि की चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए राज्य को सहायता उपलब्ध कराएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री सिक्किम को भी बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करने की घोषणा की।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *