भारत

एआई-सक्षम राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन प्रणाली स्थापित की गई; टोल-फ्री नंबर 1915 या वेब पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध

केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, एआई-सक्षम राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली शिकायतों का क्षेत्रवार विश्लेषण करती है।

इस नई प्रौद्योगिकी-संचालित पहल का उद्देश्य, उपभोक्ता से जुड़े मुद्दों का, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में त्वरित समाधान खोजना और कार्य-दक्षता में सुधार लाना है।

इन तकनीकी प्रगति के फलस्वरूप, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन में आने वाली कॉलों की संख्या दस गुना अधिक बढ़ गई है। दिसंबर 2015 में जहां यह संख्या 12,553 थी, दिसंबर 2024 में बढ़कर यह 1,55,138 तक पहुंच गई है। यह उल्लेखनीय वृद्धि, हेल्पलाइन व्यवस्था में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। इसी तरह, प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है। डिजिटल रूप से दर्ज की जाने वाली शिकायतों की मासिक औसत संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में 54,893 से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 68,831 हो गई है (दिसंबर 2024 तक)।

उपभोक्ता मामले विभाग, सभी उपभोक्ताओं से आग्रह करता है कि वे उत्पादों या सेवाओं से संबंधित किसी भी शिकायत के लिए टोल-फ्री नंबर 1915 या वेब पोर्टल https://consumerhelpline.gov.in/user/signup.php के माध्यम से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का उपयोग करें जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी आवाज सुनी जाए और उनके मुद्दों का शीघ्र तथा प्रभावी ढंग से समाधान किया जाए।

इस पहल के बाद शिकायत निपटान समय में उल्लेखनीय कमी आई है। 2024 में उपभोक्ता शिकायतों के निपटान की दर 2023 के 66.26 दिनों से घटकर 48 दिन हो गई। यह, समाधान के लिए लगने वाले समय में पर्याप्त सुधार को दर्शाता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं की चिंताओं का तुरंत समाधान किया जाए।

इस रणनीति का प्रमुख उद्देश्य सक्रिय रूप से उन कंपनियों की पहचान करना और उन्हें ‘सम्मिलित भागीदार’ के रूप में बदलना है, जिनके पास सबसे ज़्यादा शिकायतें हैं। एनसीएच के साथ ‘सम्मिलित भागीदार’ के रूप में शामिल होने के बाद, ज्यादा शिकायतें वाली इन कंपनियों को एनसीएच के साथ मिलकर त्वरित और प्रभावी रूप से शिकायत निवारण को प्राथमिकता देनी होगी। उपभोक्ता कल्याण और निष्पक्ष व्यापार नियमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई इस पहल के तहत, एनसीएच के साथ जुड़ने वाली कंपनियों की संख्या 1,038 तक पहंच गई है जबकि 2017 में यह आंकड़ा सिर्फ 263 का था।

इस पहल ने पहले ही आशाजनक परिणाम दिए हैं, खासकर शिक्षा जैसे क्षेत्रों में, जहाँ उपभोक्ता शिकायतों का तेजी से समाधान प्राथमिकता बन गया है। एनसीएच के एआई-संचालित, क्षेत्र-विशिष्ट विश्लेषण के साथ, ये कंपनियां उपभोक्ता मुद्दों को हल करने में अधिक प्रभावी और कुशलता से कार्य कर सकती हैं जिससे उपभोक्ता का विश्वास और संतुष्टि बढ़ेगी। इससे उपभोक्ताओं और कंपनियों दोनों को लाभ मिलेगा।

इस पहल के फलस्वरूप, सबसे अधिक उपभोक्ता शिकायतों के लिए पहचानी जाने वाली कई बड़ी कंपनियां अब राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन की आधिकारिक भागीदार बन गई हैं। इससे उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित समाधान और उच्च निपटान दर की उम्मीद है जिससे देश भर के लाखों उपभोक्ताओं को लाभ होगा।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन, केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उपभोक्ता शिकायतों के प्रभावी और समय पर निवारण में महत्वपूर्ण साबित हुई है। हेल्पलाइन ने ब्रॉडबैंड और इंटरनेट, ई-कॉमर्स, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, डिजिटल भुगतान मोड, पेट्रोलियम, बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवा, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल आदि सहित कई क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की शिकायतों को हल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके चलते उपभोक्ताओं को औपचारिक कानूनी कार्यवाही का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं रह गई है।

उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने और शिकायत निवारण को मजबूत बनाने में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन की महत्वपूर्ण भूमिका:

इस पहल की प्रमुख सफलताएं:

ब्रॉडबैंड और इंटरनेट: पश्चिम बंगाल के एक उपभोक्ता को इंटरनेट सेवा प्रदाता से उन सेवाओं के लिए रिफंड प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिनका उसने लाभ उठाया ही नहीं था। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से संपर्क करने के बाद, समस्या का तुरंत समाधान किया गया। सेवा प्रदाता ने पूरा रिफंड जारी किया। इसके अतिरिक्त, अन्य संतुष्ट उपभोक्ताओं ने विभाग के साथ अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया साझा की और उनकी समस्याओं के कुशल और प्रभावी समाधान की सराहना की।

ई-कॉमर्स क्षेत्र: कर्नाटक के एक उपभोक्ता ने ऑनलाइन रिटेलर से मिले दोषपूर्ण उत्पाद के रिफंड और वापसी का मुद्दा उठाया। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के हस्तक्षेप के बाद, उत्पाद को बदल दिया गया और तुरंत रिफंड जारी किया गया जिससे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ता का भरोसा बढ़ा। उपभोक्ता ने अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया साझा की, जो एनसीएच 2.0 में उनके बढ़ते भरोसे को दर्शाती है। इसकी समीक्षा ने मुद्दों को तेजी से और कुशलता से हल करने में हेल्पलाइन की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता पर बल दिया, जिससे प्लेटफॉर्म की सेवाओं में उपभोक्ता का विश्वास और भी बढ़ गया।

उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं: राजस्थान के एक नागरिक ने खुद के खरीदे गए उत्पाद में खराबी की शिकायत की। उसके लगातार अनुरोध के बावजूद, कंपनी ने समस्या का समाधान नहीं किया। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) की सहायता से, उत्पाद को तुरंत बदल दिया गया और कंपनी ने माफ़ी भी मांगी। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के उपभोक्ताओं ने एनसीएच टीम के बारे में अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया साझा की और शिकायतों के समाधान में उनकी सेवा भाव एवं दक्षता की सराहना की।

डिजिटल भुगतान मोड: दिल्ली के एक उपभोक्ता ने शिकायत की थी कि वह ऑनलाइन लेनदेन सेवा का उपयोग करने में असमर्थ था और उसके खाते में 45,000/- रुपये की राशि फ्रीज हो गई थी। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) से संपर्क करने के बाद, इस समस्या का त्वरित समाधान किया गया। बैंक ने राशि को अनफ्रीज कर दिया और उपभोक्ता को उनके खाते तक पहुंच बहाल कर दी। इसके अलावा, अन्य संतुष्ट उपभोक्ताओं ने विभाग के साथ अपनी सकारात्मक समीक्षा साझा करते हुए उनकी शिकायतों के समाधान के लिए प्रशंसा की।

पेट्रोलियम: तेलंगाना में एक खरीदार को बुक किए गए सिलेंडर को प्राप्त करते समय एमआरपी से अधिक अतिरिक्त शुल्क देना पड़ा। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के हस्तक्षेप से इस समस्या का तुरंत समाधान किया गया और उपभोक्ता को मुआवजा दिया गया जिससे उसके अधिकारों की रक्षा हुई। इसके अलावा, देश के विभिन्न कोनों से उपभोक्ताओं ने एनसीएच 2.0 के संचालन के बारे में अपने विचार साझा किए।

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