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AIIA organized a series of various events with the theme “Yoga for Women Empowerment” 30 days ahead of International Yoga Day 2024
भारत हेल्थ

AIIA ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 से 30 दिन पूर्व “महिला सशक्तिकरण के लिए योग” थीम के साथ विभिन्न कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आयोजन किया

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2024 के 10वें संस्करण के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का विषय ‘महिला सशक्तिकरण के लिए योग’ था।

इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता सिस्‍टर बीके शिवानी ने उपस्थितजनों को संबोधित किया तथा आयुर्वेद और इससे संबद्ध विज्ञानों के संबंध में समाज के लिए क्रमबद्ध तरीके से अपनी सेवाओं के विस्तार के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान युग में एआईआईए की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को मानवता की भलाई के लिए बदलाव लाने के लिए दृढ़ता और योग के महत्व को समझना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि योग के अभ्यास से शांतिपूर्ण मन से व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए एक बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है। उन्‍होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सभी के सर्वांगीण विकास के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि किसी भी विकास में एक अस्पताल की तरह ही निरंतर प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए। बुनियादी ढांचा, संकाय और उनके मानव संसाधन विकास इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अपने उद्घाटन भाषण में संस्थान के बुनियादी ढांचे के महत्व के बारे में बात करते हुए, एआईआईए निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा नेसारी ने सभी से महिला सशक्तिकरण, मार्गदर्शन और मन, भावना और आत्माओं को मजबूत करने के लिए इस योग दिवस को मनाने का अनुरोध किया। आयुर्वेद के तरीके से जीवन जीने का अनुपालन करके अपने भीतर और बाहरी दुनिया के साथ एकजुट होने में मदद मिलती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयुर्वेद और योग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने यह बताया कि आयुर्वेद योग का भौतिक पहलू है और योग आयुर्वेद का आध्यात्मिक पहलू है। उन्होंने सभी से न केवल पढ़ाने बल्कि योग और आयुर्वेद दोनों का अभ्यास करने का भी आग्रह किया।

आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव भावना सक्सेना ने इस अवसर पर मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के छात्रों सहित किए गए विभिन्न प्रदर्शनों की सराहना की, जिसमें योग फ्यूजन कार्यक्रम का जीवंत प्रदर्शन शामिल था। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण एक समग्र अवधारणा है जिसमें आर्थिक के साथ-साथ आध्यात्मिक सशक्तिकरण भी शामिल है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के हिस्से के रूप में एआईआईए ने चिकित्सीय योग पर एक पुस्तिका लॉन्च की। एक 5-दिवसीय सामान्य योग प्रोटोकॉल शामिल है, जिसे एआईआईए विद्वानों द्वारा दिल्ली के विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें आईटीबीपी के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर आयुर-योग को बढ़ावा दिया जाएगा। उत्तर पूर्व भारत में आईटीबीपी अधिकारियों और आयुष संस्थान द्वारा स्वास्थ्य शिविर व स्वास्थ्य किटों का वितरण, वृद्धाश्रमों और एआईआईए के अस्पताल ब्लॉक में योग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

एआईआईए की स्थापना 17 अक्टूबर 2017 को प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद के ज्ञान और अभ्यास के प्रचार व उन्नति के लिए की गई थी। पिछले छह वर्षों में इस संस्थान ने इस क्षेत्र में उल्‍लेखनीय प्रगति की है और यह न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर आयुर्वेदिक शिक्षा और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बन गया है।

इस कार्यक्रम के बाद वाई ब्रेक और योगा फ्यूजन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक वैद्य डॉ. काशीनाथ समागांडी, पद्म श्री पुरस्कार विजेता कमलिनी अस्थाना और नलिनी अस्थाना की गरमिामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर एआईआईए के डीन, वरिष्ठ संकाय सदस्य और सदस्य भी उपस्थित थे।

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