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Andhra Pradesh Health Minister Satya Kumar meets Dr Jitendra Singh and seeks greater support from the Centre to promote biotechnology
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आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार ने डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट कर जैव प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र से अधिक सहयोग की मांग की

आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री वाई. सत्य कुमार ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अधिक सहयोग की मांग की। चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने राज्य में जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित परियोजनाओं को आगे बढ़ाने तथा केंद्रीय सहायता से चल रही पहलों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार किया।

मोदी सरकार की निरंतर सहायता के लिए आभार व्यक्त करते हुए सत्य कुमार ने स्वास्थ्य सेवा में प्रगति और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए जैव प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए आंध्र प्रदेश की प्रतिबद्धता के बारे में बताया। उन्होंने राज्य में अत्याधुनिक नवाचार लाने के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के तहत जैव प्रौद्योगिकी एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र बना हुआ है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्यूटिकल्स और टिकाऊ स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में जैव प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया और कहा कि आंध्र प्रदेश ऐसी प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आंध्र प्रदेश भारत के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बायोफार्मास्युटिकल अनुसंधान, समुद्री जैव प्रौद्योगिकी और कृषि जैव प्रौद्योगिकी समाधान जैसे क्षेत्रों में एक प्रमुख राज्‍य के रूप में उभरा है। राज्य में कई बायोटेक इनक्यूबेटर और अनुसंधान संस्थान हैं जो नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में सहायक रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआईआरएसी) फंडिंग और राष्ट्रीय बायोटेक मिशन जैसी पहलों के साथ, आंध्र प्रदेश ने बायोटेक स्टार्टअप और उद्योग साझेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि सहयोग के लिए नए सिरे से प्रयास का उद्देश्य राज्य को भारत के व्यापक जैव प्रौद्योगिकी योजना में और अधिक शामिल करना है।

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत जैव प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास कर रहा है और अनुसंधान एवं नवाचार में अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार कर रहा है। आंध्र प्रदेश अपने जैव प्रौद्योगिकी तंत्र को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, इस चर्चा से इस उच्च-विकास क्षेत्र में राज्य-केंद्र सहयोग को नई गति मिलने का संकेत मिलता है।

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