बांग्लादेश ने विरोध प्रदर्शन को रोकने में पुलिस के विफल रहने के बाद कर्फ्यू लगाने और सैन्य बलों की तैनाती की घोषणा की
ढाका: बांग्लादेश ने कई दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन को रोकने में पुलिस के विफल रहने के बाद कर्फ्यू लगाने और सैन्य बलों की तैनाती की घोषणा की है। सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद देश में हिंसा भड़की हुई है। प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों और पुलिस के बीच झड़पों में अब तक 105 लोग मारे जा चुके हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव नईमुल इस्लाम खान ने बताया कि सरकार ने कर्फ्यू लगाने और नागरिक अधिकारियों की सहायता के लिए सेना तैनात करने का फैसला किया है। राजधानी ढाका में पुलिस ने हिंसा को रोकने के प्रयास में कल सभी रैलियों, जुलूसों और सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगा दी। पुलिस प्रमुख हबीबुर रहमान ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक कदम था। अशांति को देखते हुए बांग्लादेश में टेलीविजन समाचार चैनल बंद कर दिये गये हैं, दूरसंचार बाधित है, और कई समाचार पत्र वेबसाइटें, सोशल मीडिया और मोबाइल इंटरनेट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव अभी भी जारी है। मध्य बांग्लादेश के नरसिंगडी जिले में प्रदर्शनकारियों ने एक जेल पर धावा बोल कर कैदियों को मुक्त करा लिया और वहां आग लगा दी।
इस बीच विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों से ढाका में उच्चायोग द्वारा जारी सलाह का पालन करने और उच्चायोग के संपर्क में रहने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कल दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि बांग्लादेश में आठ हजार पांच सौ छात्रों सहित लगभग 15 हजार भारतीय नागरिक रहते हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर खुद स्थिति पर नजर रख रहे हैं और ढाका में उच्चायोग वहां की स्थिति की नियमित जानकारी दे रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय वहां भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारत, बांग्लादेश में चल रहे विरोध प्रदर्शन को उनके आंतरिक मामले के रूप में देखता है।