बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम-2025, कल से लागू होगा। इसका उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में शासन मानकों में सुधार लाना और जमाकर्ताओं एवं निवेशकों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस वर्ष 15 अप्रैल को अधिसूचित इस अधिनियम का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लेखापरीक्षा गुणवत्ता में सुधार लाना और सहकारी बैंकों में अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशकों के अलावा निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाना है। अधिनियम के प्रावधानों का उद्देश्य “पर्याप्त ब्याज” की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करना है। यह 1968 से अपरिवर्तित रही सीमा को संशोधित करेगा। इसके अलावा, ये प्रावधान सहकारी बैंकों में निदेशक के कार्यकाल को 97वें संविधान संशोधन के अनुरूप बनाते हैं, जिसमें अधिकतम कार्यकाल 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है।
राष्ट्र, आज महान क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह को उनके 86वें बलिदान दिवस पर श्रद्धाजंलि अर्पित…
मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने आज वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 15वें वित्त आयोग चक्र (एफसीसी)…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को 2025-26…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज रेल मंत्रालय…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद…