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Narendra Modi elected as the leader of the BJP Parliamentary Party, leader of the NDA Parliamentary Party and leader of the Lok Sabha
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भाजपा संसदीय दल ने प्रस्‍ताव पारित कर विनिर्माताओं और व्यापारियों से जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचाने का आह्वान किया

भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल ने नई दिल्‍ली में आयोजित भाजपा सांसदों की प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का प्रस्‍ताव सर्वसम्‍मति से मंजूर कर लिया है। इसमें उत्पादकों और व्यापारियों से जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का आह्वान किया गया है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि कीमत कम होने से मांग बढ़ेगी और करोबार तथा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के प्रस्‍ताव में भाजपा सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को इस साहसिक और जनहितैषी कदम के लिए बधाई दी है। इसमें कहा गया है कि ये सुधार नागरिकों के जीवन में आसानी लाने, व्‍यापारियों को सशक्‍त करने और देश को आत्‍मनिर्भर बनाने के नरेन्‍द्र मोदी सरकार के लक्ष्‍य का प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हाल में किये गये इन सुधारों में देश के लिये निर्धारित सभी प्रमुख लक्ष्य प्राप्त करने की क्षमता है। प्रस्‍ताव में कहा गया है कि सुधारों के अगले चरण से जीएसटी कर प्रणाली सरल हुई है और इसमें नागरिकों के हित को केन्‍द्र में रखा गया है। खाद्य वस्‍तुएं और औषधि तथा इलेक्‍ट्रानिक उपकरणों पर जीएसटी दरें कम होने से इनकी कीमतों में कमी आयेगी। छोटे व्‍यवसायियों, निर्यातकों और स्‍टार्टअप उद्यमों के लिए भी प्रक्रियाएं सरल की गयी हैं।

प्रस्ताव में यह भी उल्‍लेख किया गया है कि मासिक जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रूपये तक पहुंचना अधिक अनुपालन और अर्थव्‍यवस्‍था के मजबूत होने का संकेत है।

आठ वर्षों में जीएसटी करदाताओं की संख्‍या, 2017 के 66 लाख से दुगुनी होकर डेढ करोड से अधिक हो गई है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में वार्षिक संग्रह बढ़कर 22 लाख करोड़ से अधिक हो गया है।

स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस दिवाली से पहले अगली पीढी के जीएसटी सुधारों की घोषणा की थी। अधिक सक्षम और जनहितैषी अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का प्रधानमंत्री का यह वादा 3 सितंबर को पूरा हुआ, जब जीएसटी परिषद ने आम आदमी पर ध्यान केंद्रित करते हुये दरों को तर्कसंगत बनाने की मंजूरी दी। आज हम नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में किए गए सुधारों पर नज़र डालेंगे।

ऊर्जा क्षेत्र में बड़े बदलाव के अंतर्गत सौर कुकर, सौर पैनल, पवनचक्की, बायोगैस प्‍लांट और कचरे से ऊर्जा बनाने वाले सिस्‍टम पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। कोयला और लिग्नाइट पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, ताकि उद्योग हरित ऊर्जा का इस्‍तेमाल करें। हालांकि इलेक्ट्रिक वाहन अभी भी 5 प्रतिशत जीएसटी के अंतर्गत ही रहेंगे, ताकि साफ और हरित परिवहन को बढ़ावा मिले। भारत जल्‍द ही स्‍वच्‍छ ऊर्जा के क्षेत्र में और मजबूत होगा। उद्योगपतियों ने इन जीएसटी सुधारों को संतुलित और सही कदम बताया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जीएसटी परिषद के सुधारों को हरित भारत के लिए जीएसटी सुधार कहा है। सौर, पवन और कचरे से ऊर्जा बनाने वाली परियोजनाओं को अपनाना भारत के 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्‍य पूरा करने और पेरिस समझौते के तहत जिम्‍मेदारियां निभाने के लिए जरूरी है।

आम आदमी पर केंद्रित जीएसटी सुधार 22 सितम्बर से लागू होंगे।

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