सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने आज उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) और सम्बद्ध क्षेत्रों में मानव संसाधन विकास के लिए एक इको-सिस्टम बनाने के बारे में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ समझौता-प्रपत्र (एमओए) पर हस्ताक्षर किए।
एमओए पर एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम और सी-डैक पुणे और कॉर्पोरेट रणनीति के कार्यकारी निदेशक कर्नल आशीष नाथ (सेवानिवृत्त) ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन व मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
इस एमओए के तहत की जाने वाली कुछ प्रमुख गतिविधियां इस प्रकार हैं:
जैसा कि इन उद्देश्यों से स्पष्ट है, सी-डैक और एआईसीटीई के बीच समझौता-प्रपत्र का उद्देश्य एचपीसी और संबद्ध प्रौद्योगिकियों में सतत मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना और उद्योग व शिक्षा जगत की उभरती जरूरतों को पूरा करना है।
इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने उल्लेख किया कि एनएसएम के तहत एचपीसी-जागरूक जनशक्ति विकास गतिविधि अब देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में व्यापक रूप से पहुंचेगी। उन्होंने कहा, “इससे तकनीकी कार्यबल में एचपीसी-संबंधी क्षमता का निर्माण करने में मदद मिलेगी, जिससे वे उद्योग के लिए तैयार होंगे।”
एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा, “एआईसीटीई और सी-डैक के बीच इस समझौता-प्रपत्र पर हस्ताक्षर के साथ, हम भारत में उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) शिक्षा के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहे हैं।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह पहल राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के लक्ष्यों और एनईपी 2020 के विजन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि हमारी तकनीकी शिक्षा प्रणाली वैश्विक प्रगति में सबसे आगे रहे।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के माध्यम से एचपीसी को आगे बढ़ाना
एचपीसी जागरूक जनशक्ति का विकास राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के प्रमुख कार्यों में से एक है। एनएसएम देश में एचपीसी में क्षमता और योग्यता निर्माण के लिए भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा डीएसटी द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। एआईसीटीई को पूरे भारत में तकनीकी शिक्षा प्रणाली की योजना बनाने और समन्वित विकास करने तथा ऐसी शिक्षा में गुणात्मक सुधार को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा गया है। इस प्रकार, एनएसएम के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, सी-डैक देश भर में एआईसीटीई से संबद्ध कॉलेजों में एचपीसी शिक्षा के प्रसार के लिए एआईसीटीई के साथ साझेदारी कर रहा है।
उम्मीद है कि भारत भर के लगभग 1000 इंजीनियरिंग कॉलेजों के 2500 संकाय सदस्यों को 50 संकाय विकास कार्यक्रमों (एफडीपी) के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। ये संसाधन तब लगभग 50,000 छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में एचपीसी से संबंधित विषय पढ़ाने में सक्षम होंगे। एचपीसी के क्षेत्र में इंजीनियरिंग कॉलेजों के अभ्यर्थियों के बीच रुचि पैदा करने के लिए, एचपीसी की बारीकियों को पेश करने वाले जागरूकता कार्यक्रम 1,000 कॉलेजों में आयोजित किए जाएंगे, जो अंततः 100,000 छात्रों तक पहुंचेंगे। एआईसीटीई से संबद्ध संस्थानों में सी-डैक द्वारा 50 की संख्या में परम शावक-‘सुपरकंप्यूटिंग सॉल्यूशन इन ए बॉक्स’ स्थापित करने का भी प्रस्ताव है, जिससे छात्रों को सुपरकंप्यूटर का उपयोग करने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
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