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C-DOT partners with IIT Delhi to develop “AI-powered chatbot for critical disaster warning and emergency applications”
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C-DOT ने “महत्वपूर्ण आपदा चेतावनी और आपातकालीन अनुप्रयोगों के लिए AI-संचालित चैटबॉट” विकसित करने के लिए IIT दिल्ली के साथ साझेदारी की

आपदा से निपटने की क्षमता और आपातकालीन संचार को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) के साथ “आपदा पूर्व चेतावनी और आपातकालीन संचार में ग्राहक सहायता के लिए जनरेटिव ए आई-संचालित चैटबॉट” के विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह पहल स्वचालित और विश्वसनीय संचार सेवाओं को सक्षम करने और भारत की आपदा तैयारी अवसंरचना को मजबूत करने के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।

ए आई-संचालित चैटबॉट उन्नत प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण, टेक्स्ट-टू-स्पीच, स्पीच-टू-टेक्स्ट और इमेज प्रोसेसिंग तकनीकों का लाभ उठाकर आपदा प्रबंधकों, प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं और प्रभावित समुदायों को वास्तविक समय में बहुभाषी सहायता प्रदान करेगा। यह संकट के दौरान निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करने के लिए 3जीपीपी-अनुरूप आपातकालीन संचार प्रोटोकॉल के साथ एकीकृत होगा। इसके अतिरिक्त, समाधान पूरी तरह से ऑन-प्रिमाइसेस होगा, जो साइबर सुरक्षा अनुपालन, डेटा गोपनीयता और मिशन-महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए उच्च उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। समाधान को प्लेटफ़ॉर्म की क्षमता बढ़ाने के लिए सी-डॉट द्वारा विकसित एनडीएमए की वर्तमान आपदा प्रबंधन प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा।

सी-डॉट सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यक्रम (सीसीआरपी) के अंतर्गत एक समारोह के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय, सी-डॉट की कार्यकारी उपाध्यक्ष-II सुश्री शिखा श्रीवास्तव, आईआईटी दिल्ली के प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर ब्रजेश लाल और आईआईटी दिल्ली के कार्यान्वयन भागीदार कार्नोट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के कर्नल (डॉ.) अमित ओबेरॉय शामिल हुए।

सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने आपदा संचार प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी नवाचार के महत्व पर बल दिया। उन्होंने बतया कि कैसे एआई-संचालित समाधान भारत की विविध और जटिल आपातकालीन प्रतिक्रिया आवश्यकताओं का समाधान कर सकते हैं। उन्होंने महत्वपूर्ण संचार बुनियादी ढांचे में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए सुरक्षित, स्केलेबल और भारत-विशिष्ट दूरसंचार समाधान विकसित करने के लिए सी-डॉट की प्रतिबद्धता को दोहराया।

इस अवसर पर प्रो. लाल ने एआई-संचालित आपदा संचार की परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में बताया और संकट की स्थितियों में वास्तविक समय में, सुरक्षित और बहुभाषी समर्थन के महत्व पर बल दिया।

सी-डॉट के प्रतिनिधियों ने इस सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। एआई-संचालित निर्णय समर्थन प्रणाली, आपातकालीन कॉल रूटिंग और बहुभाषी आवाज पहचान को एकीकृत करके, यह पहल भारत में आपदा प्रतिक्रिया में क्रांति लाने के लिए तैयार है। इससे आपात स्थिति के दौरान तेज़, स्मार्ट और अधिक कुशल संचार सुनिश्चित होगा।

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