बिज़नेस

कैबिनेट ने कुल 11,440 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) के पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के लिए कुल 11,440 करोड़ रुपये की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दे दी है। इसमें आरआईएनएल में हिस्सेदारी अंश पूंजी के रूप में 10,300 करोड़ रुपये और आरआईएनएल को चालू रखने के लिए 1140 करोड़ रुपये के कार्यशील पूंजी ऋण को 7 प्रतिशत गैर-संचयी प्राथमिकता शेयर पूंजी के रूप में बदलना शामिल है, जिसे 10 वर्षों के बाद भुनाया जा सकता है।

आरआईएनएल, भारत सरकार के 100 प्रतिशत स्वामित्व के साथ इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक अनुसूची-ए सीपीएसई है। आरआईएनएल विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (वीएसपी) का संचालन करता है, जो आंध्र प्रदेश राज्य में सरकारी क्षेत्र के तहत एकमात्र अपतटीय स्टील प्लांट है। इसकी स्थापित क्षमता 7.3 एमटीपीए तरल स्टील की है।

आरआईएनएल की वित्तीय स्थिति गंभीर है (31.03.2024 तक, आरआईएनएल की कुल संपत्ति (-)4538.00 करोड़ रुपये थी, वर्तमान परिसंपत्तियां 7,686.24 रुपये और वर्तमान देनदारियां 26,114.92 करोड़ रुपये थीं)। आरआईएनएल ने कार्यशील पूंजी के लिए बैंकों से स्वीकृत उधार सीमा समाप्त कर दी है और वह बैंकों से आगे ऋण प्राप्त करने की स्थिति में नहीं है। आरआईएनएल ने जून 2024 में पूंजीगत ऋण चुकौती और ब्याज का भुगतान करने में भी चूक की।

आरआईएनएल में 10,300 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी अंश राशि डालने से उसे कार्यशील पूंजी जुटाने से जुड़ी परिचालन समस्याओं को दूर करने और सबसे अधिक उत्पादक तरीके से ब्लास्ट फर्नेस संचालन शुरू करने में मदद मिलेगी। इससे कंपनी धीरे-धीरे अपनी पूरी उत्पादन क्षमता क्षमता प्राप्त कर सकेगी जो कि महत्वपूर्ण है और इस्पात उत्पादन को बढ़ाकर भारतीय इस्पात बाजार में स्थिरता लाएगी जो राष्ट्रीय हित में है साथ ही कर्मचारियों (नियमित और संविदात्मक) और इस्पात संयंत्र के संचालन पर निर्भर लोगों की आजीविका को भी बरकार रखा जा सकेगा। पुनरुद्धार योजना से उम्मीद की जा रही है कि आरआईएनएल में जनवरी 2025 में दो ब्लास्ट फर्नेस और अगस्त 2025 में तीन ब्लास्ट फर्नेस के साथ पूर्ण उत्पादन शुरू हो जाएगा।

इस्पात उत्पादन अर्थव्यवस्था का एक मुख्य क्षेत्र है और यह किसी भी देश के आर्थिक विकास के संकेतकों में से एक है। वीएसपी का पुनरुद्धार और इसकी पूरी क्षमता पर निरंतर संचालन सार्वजनिक संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करेगा और राष्ट्रीय इस्पात नीति, 2017 के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।

यह रणनीतिक निर्णय सरकार की आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वदेशी उद्योगों को समर्थन देने की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

Editor

Recent Posts

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण घटक योजना के तहत 5500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली सात परियोजनाओं के पहले बैच को स्वीकृति दी

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) के…

2 घंटे ago

गृह मंत्री अमित शाह ने आज मझगांव डॉक, मुंबई में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ‘गहन सागरीय मत्स्य नौकाओं’ का लोकार्पण किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मझगांव डॉक, मुंबई में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना…

2 घंटे ago

संयुक्त अरब अमीरात थल सेना के कमांडर मेजर जनरल यूसुफ मयूफ सईद अल हल्लामी भारत पहुंचे

संयुक्त अरब अमीरात थल सेना के कमांडर मेजर जनरल यूसुफ मयूफ सईद अल हल्लामी 27-28…

3 घंटे ago

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में सोसाइटी ऑफ़ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के वार्षिक सत्र को संबोधित किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा भारत में…

3 घंटे ago

चक्रवाती तूफ़ान मोन्था बंगाल की खाड़ी में चेन्नई से 560 किलोमीटर पूर्व दक्षिण पूर्व में स्थित, कल तट से टकराने की आशंका

चक्रवाती तूफ़ान मोन्था, बंगाल की खाड़ी में चेन्नई से 560 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व में स्थित है।…

5 घंटे ago