भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल इंडिया के खिलाफ दायर शिकायत को खारिज कर दिया है, जिसमें कॉलर आईडी और स्पैम बचाव ऐप के बाजार में ट्रूकॉलर को लाभ पहुंचाने के लिए अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था। निष्पक्ष व्यापार नियामक ने शिकायत को खारिज करते हुए कहा कि उसे प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन का कोई सबूत नहीं मिला है।
आयोग ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि इस मामले में गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा चार के प्रावधानों के उल्लंघन का प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।’’ प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा चार किसी कंपनी के प्रभुत्व की स्थिति का दुरुपयोग करने से संबंधित है। यह फैसला रचना खैरा की तरफ से दायर शिकायत पर आया है जिसमें गूगल पर निजी संपर्क से संबंधित सूचना साझा करने के लिए ट्रूकॉलर को विशेष पहुंच प्रदान करने का आरोप लगाया गया था, जबकि अन्य ऐप को यह पहुंच नहीं दी गई।
इसके अलावा शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गूगल की इस गतिविधि ने बाजार को विकृत कर दिया है और ट्रूकॉलर के लिए एकाधिकार की स्थिति पैदा हो गई है। शिकायत के मुताबिक, गूगल की डेवलपर नीति गैर-सार्वजनिक नंबरों के अनधिकृत खुलासे पर रोक लगाती है जबकि ट्रूकॉलर की निजता नीति में इस तरह की जानकारी को साझा करने की अनुमति है। गूगल और खैरा दोनों की तरफ से रखी गई दलीलों की समीक्षा करने के बाद प्रतिस्पर्धा आयोग ने पाया कि शिकायतकर्ता के दावे निराधार थे।
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