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केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद ने मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी ने जैव सुरक्षा प्रशिक्षण और अनुसंधान की साझेदारी के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों को मजबूत करने के लिए हाथ मिलाया

आयुष मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) ने मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी (एमएएचई), मणिपाल की घटक इकाई, मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एमआईवी) के सहयोग से 6 से 10 अक्टूबर, 2025 तक एमएएचई परिसर, मणिपाल, कर्नाटक में “जैव सुरक्षा और प्रकोप सिमुलेशन प्रशिक्षण 2025” शीर्षक पांच दिवसीय आवासीय कार्यशाला शुरू की है।

यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम सीसीआरएच के अनुसंधान वैज्ञानिकों के लिए अत्यंत सटीक रूप से तैयार किया गया है। इस क्षमता-निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य तैयारियों, जैव सुरक्षा प्रथाओं और रोगों के प्रकोप की स्थिति में प्रतिक्रिया की क्षमताओं को बढ़ाना है जिससे आयुष मंत्रालय के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य संबंधी पहलों को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

सीसीआरएच के अनुसंधान वैज्ञानिकों के लिए प्रशिक्षण के इस अवसर ने भारत के 22 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सीसीआरएच के 33 संस्थानों/इकाइयों की व्यापक भागीदारी के साथ बड़े स्तर पर रुचि पैदा की है। मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की ओर से किए गए गहन ऑनलाइन मूल्यांकन के बाद इस कार्यशाला में भाग लेने के लिए 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 30 प्रतिभाशाली अनुसंधान वैज्ञानिकों का चयन किया गया।

एमआईवी के निदेशक डॉ. चिरंजय मुखोपाध्याय ने कार्यशाला में सभी सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों, विषय विशेषज्ञों और प्रशिक्षुओं का स्वागत किया। सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में सामर्थ्यवान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के निर्माण और अनुसंधान वैज्ञानिकों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उभरते संकटों से निपटने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के उद्देश्य से सीसीआरएच और एमएएचई के बीच सहयोग के महत्व पर बल दिया। उन्होंने संक्रामक रोगों और वैश्विक महामारियों से निपटने में होम्योपैथी की क्षमता का उल्लेख किया।

इस दौरान, अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण के प्रमुख क्षेत्रों में उपयोगी सहयोग को सुगम बनाने के लिए सीसीआरएच और एमएएचई के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया। सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक और एमएएचई के रजिस्ट्रार डॉ. पी. गिरिधर किनी ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इसके अतिरिक्त, एमएएचई में स्वास्थ्य विज्ञान के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. शरत कुमार राव के. ने अपने मुख्य भाषण में इस प्रशिक्षण के आयोजन के प्रयासों की सराहना की और सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं के संचालन में एमएएचई की ओर से हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।

सीसीआरएच में अनुसंधान अधिकारी (होम्योपैथी)/वैज्ञानिक-द्वितीय डॉ. सुहाना पी. अजीस, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत गोपीनाथन पिल्लई, सहायक प्रोफेसर डॉ. सुधीश एन., और एमआईवी, मणिपाल के व्याख्याता अनुप जयराम इस प्रशिक्षण के समन्वयक थे।

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