केंद्रीय सतर्कता आयोग ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए
केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने 6, फ्लैगस्टाफ बंगले के निर्माण और नवीनीकरण में अनियमितता के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर इसी बंगले में रहे थे। आयोग ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और रोहिणी से विधायक विजेन्द्र गुप्ता की शिकायत पर केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग को जांच के आदेश दिए हैं।
मीडिया से बातचीत में विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आयोग ने तथ्यों के आधार पर शिकायत का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि बंगले का वास्तविक क्षेत्रफल दो एकड़ से भी कम था, लेकिन साथ लगे बंगलों और टाइप पांच के आठ फ्लैट को खाली कराकर इस बंगले में मिला दिया गया। इसके बाद इस बंगले का क्षेत्रफल बढकर लगभग आठ एकड़ हो गया। उन्होंने कहा कि यह पूरा ढांचा ही अवैध है।
जो शीषमहल दिखाई दे रहा है खाली इतना नहीं है, वो उसके साथ वहां पर कहीं टावर बना रहे हैं जो अधूरे पड़े हैं उन पर भी करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं। वह टावर जो बन रहे हैं नये उनमें क्या होना था, क्या बनाया जा रहा था उसकी पूरी जांच होनी चाहिए और इस पर सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर ने आदेश दिए हैं सीपीडब्ल्यूडी को। मैं सीबीसी के इस कदम का स्वागत करता हूं। सेंट्रल विजिलेंस कमिश्न ने इस पर कॉग्निजेंस लिया है इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।