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President Draupadi Murmu virtually inaugurated key dairy and livestock sector initiatives in Mayurbhanj district of Odisha
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ओडिशा के मयूरभंज जिले में प्रमुख डेयरी और पशुधन क्षेत्र की प्रमुख पहलों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ओडिशा के मयूरभंज जिले में डेयरी और पशुधन क्षेत्र में प्रभावशाली पहलों की एक श्रृंखला का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) की अगुवाई में इन कार्यक्रमों का उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को बढ़ाना, पशुधन उत्पादकता में सुधार करना और क्षेत्र में महत्वपूर्ण पोषण संबंधी चुनौतियों का समाधान करना है।

इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन, पशुपालन तथा डेयरी मंत्रालय और पंचायती राज केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान; मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

कार्यक्रम के दौरान माननीय राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत मयूरभंज में मवेशी प्रेरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस पहल में ओडिशा के मयूरभंज जिले में चिन्हित लाभार्थियों को 3,000 उच्च आनुवंशिक-गुणवत्‍ता वाले मवेशियों का वितरण शामिल था। डीएएचडी की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा मयूरभंज में पांच वर्षों में 37.45 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ उत्पादकता वृद्धि परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। कार्यक्रम का उद्देश्य दूध उत्पादन को बढ़ाना, ग्रामीण आय को मजबूत करना और टिकाऊ पशुधन विधियों को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, गिफ्ट मिल्क प्रोग्राम भी शुरू किया गया। कुपोषण से निपटने और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए डिज़ाइन किए गए इस कार्यक्रम में मयूरभंज जिले के लगभग 1,200 स्कूली बच्चों को विटामिन ए और डी से भरपूर 200 मिली फ्लेवर्ड दूध प्रदान किया जाएगा। इस पहल का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए माननीय राष्ट्रपति ने पोषण और शिक्षा पर ऐसे कार्यक्रमों के सकारात्मक प्रभाव पर भी ध्‍यान दिया और उम्मीद जताई कि इस तरह के प्रयास देश भर में इसी तरह के कार्यक्रमों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेंगे। इसके अतिरिक्त, माननीय राष्ट्रपति ने ओडिशा राज्य में दूध खरीद, प्रसंस्करण और विपणन को मजबूत करने के लिए एक बाजार सहायता कार्यक्रम शुरू किया। इस पहल का उद्देश्य राज्य में दूध खरीद क्षमता को 5 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 10 लाख लीटर प्रतिदिन करना है। यह कार्यक्रम किसानों के लिए बेहतर लाभ सुनिश्चित करने के लिए ब्रांडिंग और वितरण नेटवर्क बनाने पर केंद्रित है।

अपने संबोधन में द्रौपदी मुर्मु ने डेयरी क्षेत्र में दूरदर्शी नीतियों और अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से बदलाव लाने में पशुपालन और डेयरी विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने दूध उत्पादन में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जो पिछले दशक में वैश्विक रुझानों को पार करते हुए 6 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ा है। राष्ट्रपति ने पशुधन उत्पादकता बढ़ाने और डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान और उच्‍च गुणवत्‍तायुक्‍त वीर्य संवर्धन जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने भी सभा को संबोधित किया और राष्ट्रीय गोकुल मिशन की सफलता पर जोर दिया, जिसने देशी गोजातीय नस्लों की नस्ल सुधार और उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। केंद्रीय मंत्री ने ग्रामीण आर्थिक विकास को गति देने और किसानों के लिए बाजार संपर्क में सुधार करते हुए महत्‍वपूर्ण डेयरी पहलों के लिए निरंतर समर्थन प्रदान करने के लिए डीएएचडी और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के प्रयासों की भी सराहना की।

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्थायी ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने में पशुधन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने नवोन्मेषी और किसान-केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से डेयरी और पशुधन क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम में ओडिशा के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया, ओडिशा के पशु संसाधन विकास, मत्स्य पालन और एमएसएमई मंत्री गोकुलानंद मल्लिक, डीएएचडी की सचिव अलका उपाध्याय, डीएएचडी की अतिरिक्त सचिव वर्षा जोशी, एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह, ओडिशा के मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव सुरेश कुमार वशिष्ठ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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