दूरसंचार विभाग (डीओटी), संचार मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स (सी-डॉट) और भारत सरकार द्वारा स्थापित प्रमुख संस्थानों में से एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर (आईआईटी-जीएन) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य दूरसंचार और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अत्याधुनिक शोध, नवाचार और स्वदेशी उत्पादों के विकास को बढ़ावा देने हेतु एक उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना करना है।
सी-डॉट की उत्कृष्टता केंद्र पहल का उद्देश्य प्रतिष्ठित संस्थानों की अकादमिक उत्कृष्टता के साथ सी-डॉट की विशेषज्ञता का समन्वय करके दूरसंचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को गति प्रदान करना है। यह केंद्र मौलिक और अनुप्रयुक्त अनुसंधान, दोनों के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जिसका उद्देश्य मोबाइल संचार, साइबर सुरक्षा, क्वांटम संचार, उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उन्नत दूरसंचार अनुप्रयोगों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सी-डॉट की मौजूदा विशेषज्ञता के क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करना है।
इस केंद्र का उद्देश्य आईआईटी गांधीनगर के छात्रों, संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और सी-डॉट शोधकर्ताओं के समुदाय को एक साथ आने और दूरसंचार तथा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) क्षेत्र में सहयोग करने में सक्षम बनाना है। कुल मिलाकर, केंद्र का कार्य अनुसंधान कार्य को समृद्ध करेगा और दूरसंचार एवं आईसीटी डोमेन तथा उनके संबंधित अनुप्रयोगों में समस्याओं/उपयोग-मामलों के व्यावहारिक समाधान ढूंढेगा, साथ ही विशिष्ट एवं उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाएगा। यह केंद्र एक मजबूत नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स, उद्योगों और शिक्षा जगत के साथ इनक्यूबेशन, मार्गदर्शन और सहयोग को भी समर्थन देगा। यह उद्योग के लिए तैयार कार्यबल तैयार करने के लिए राष्ट्रीय दूरसंचार, सेमीकंडक्टर और डिजिटल परिवर्तन मिशनों के साथ प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और कौशल कार्यक्रम प्रदान करेगा। दोनों संस्थान विद्वत्तापूर्ण प्रकाशन, पेटेंट दाखिल करने, संयुक्त सेमिनार और अंतिम उत्पाद विकास पर भी सहयोग करेंगे।
8 नवंबर 2025 को आईआईटी गांधीनगर में सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय और आईआईटी गांधीनगर के निदेशक डॉ. रजत मूना ने समझौता ज्ञापन पर आधिकारिक हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में सी-डॉट के वरिष्ठ अधिकारी और आईआईटी गांधीनगर के संकाय एवं छात्र उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने ज़ोर देकर कहा कि उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का उद्देश्य सी-डॉट और आईआईटी गांधीनगर की क्षमताओं और संसाधनों को मिलाकर एक गतिशील और सहयोगात्मक वातावरण तैयार करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल अगली पीढ़ी की दूरसंचार तकनीकों को आगे बढ़ाने, बौद्धिक संपदा के विकास को प्रोत्साहित करने और “आत्मनिर्भर भारत” और “विकसित भारत” के दृष्टिकोण के अनुरूप तकनीकी नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में भारत की स्थिति को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने आगे बताया कि सी-डॉट एक आत्मनिर्भर भारत की कल्पना करता है जो न केवल अपनी तकनीकी ज़रूरतों को पूरा करे, बल्कि सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” दृष्टिकोण के अनुरूप स्वदेशी नवाचार और क्षमता निर्माण के माध्यम से वैश्विक प्रगति में भी योगदान दे।
इस अवसर पर आईआईटी-जीएन के निदेशक प्रोफेसर रजत मूना ने कहा, “साइबर सुरक्षा के साथ-साथ डिजिटल और संचार प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हमारे देश की सुरक्षा, वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। “यह समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों की शक्तियों को समन्वित करता है और स्वदेशी क्षमता निर्माण, विकास और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विशिष्ट और उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाते हुए नए विचारों को बढ़ावा देगा।”
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