वाणिज्य सचिव ने व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) के क्रियान्वयन के लिए नॉर्वे का दौरा किया
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 22 नवंबर 2024 को नॉर्वे का दौरा किया। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) के उद्देश्यों को आगे बढ़ाना तथा ईएफटीए देशों में भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के लिए बड़े बाज़ार को खोलना तथा 100 अरब डॉलर के निवेश के शीघ्र क्रियान्वयन को बढ़ावा देना था। टीईपीए पर मार्च 2024 में हस्ताक्षर किए गए थे।
टीईपीए एक आधुनिक और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है, जिस पर भारत ने चार विकसित देशों – यूरोप के एक महत्वपूर्ण आर्थिक समूह – के साथ हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा और युवा तथा प्रतिभाशाली कार्यबल को अवसर प्रदान करेगा। ईएफटीए अपनी टैरिफ लाइनों का 92.2 प्रतिशत प्रदान कर रहा है, जो भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात को कवर करता है। ईएफटीए की बाजार पहुंच पेशकश में गैर-कृषि उत्पादों का 100 प्रतिशत और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (पीएपी) पर टैरिफ रियायत शामिल है। भारत अपनी टैरिफ लाइनों का 82.7 प्रतिशत प्रदान कर रहा है, जो ईएफटीए निर्यात का 95.3 प्रतिशत कवर करता है। भारत ने ईएफटीए को 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है और नॉर्वे से 114 में प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं। टीईपीए हमारी प्रमुख ताकत और रुचि के क्षेत्रों जैसे आईटी सेवाओं, व्यावसायिक सेवाओं, व्यक्तिगत, सांस्कृतिक, खेल और मनोरंजक सेवाओं, अन्य शिक्षा सेवाओं, ऑडियो-विजुअल सेवाओं आदि में हमारी सेवा निर्यात को प्रोत्साहित करेगा। ईएफटीए से दी जाने वाली सेवाओं में सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी (मोड 1) के माध्यम से बेहतर पहुंच, वाणिज्यिक उपस्थिति (मोड 3) और प्रमुख कर्मियों के प्रवेश और अस्थायी प्रवास के लिए बेहतर प्रतिबद्धताएं और निश्चितता (मोड 4) शामिल हैं।
टीईपीए इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी, विनिर्माण, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और रसद, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं और बीमा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करके “मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत को गति देगा।
टीईपीए से भारत में अगले 15 वर्षों में देश के युवा आकांक्षी कार्यबल के लिए बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष नौकरियों के सृजन में तेजी आने की उम्मीद है। इसमें व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण के लिए बेहतर सुविधाएं शामिल हैं। टीईपीए सटीक इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा, नवाचार और अनुसंधान और विकास में विश्व की अग्रणी प्रौद्योगिकियों तक प्रौद्योगिकी सहयोग और पहुंच की सुविधा भी प्रदान करता है।
सुनील बर्थवाल ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, भारतीय पेशेवरों के लिए गतिशीलता, वर्तमान संस्थागत तंत्र को फिर से सक्रिय करने और टीईपीए अनुसमर्थन के लिए अगले कदमों पर चर्चा के लिए नॉर्वे के व्यापार, उद्योग और मत्स्य मंत्रालय के राज्य सचिव टॉमस नॉरवोल से मुलाकात की। वाणिज्य सचिव ने व्यापार और उद्योग मंत्री सेसिली मायर्सेथ और स्वास्थ्य तथा देखभाल सेवा मंत्री जान क्रिश्चियन वेस्ट्रे से भी मुलाकात की। इसके अलावा वाणिज्य सचिव ने स्टॉर्टिंग-नॉर्वेजियन संसद का दौरा किया और ईएफटीए और ईईए संसदीय समितियों के प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष ट्राइन लिसे सुंडनेस और सांसद निकोलई एस्ट्रुप से मुलाकात की और टीईपीए के शीघ्र अनुसमर्थन की आवश्यकता पर बल दिया।
इस यात्रा में नॉर्वेजियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (एनएचओ), इनोवेशन नॉर्वे, शिपबिल्डर्स एसोसिएशन, रेडर बिंग लॉ फर्म और विविध क्षेत्रों, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, शिपिंग उद्योग, उपभोक्ता सामान, ग्रीन हाइड्रोजन, कपड़ा, समुद्री भोजन, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी और आपसी हित के अन्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली कई बड़ी नॉर्वे की कंपनियों के प्रमुखों और सीईओ सहित व्यावसायिक हितधारकों के साथ चर्चा भी शामिल थी। वाणिज्य सचिव ने नॉर्वे के उद्योग के लिए अभूतपूर्व अवसरों के बारे में बताया क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 3 से 4 वर्षों में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है।