CSIR-IMMT ने रूस के गिरेडमेट, रोसाटॉम, मॉस्को और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मॉस्को के साथ संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने अपने प्रमुख खनिज अनुसंधान संस्थान सीएसआईआर- (खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान) आईएमएमटी के माध्यम से प्रमुख रूसी संस्थानों – दुर्लभ धातु उद्योग के राज्य अनुसंधान और डिजाइन संस्थान (जेएससी गिरेडमेट), रूसी राज्य परमाणु ऊर्जा निगम, रोसाटॉम, मॉस्को के तहत एक प्रमुख अनुसंधान और डिजाइन संस्थान और राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एमआईएसआईएस, मॉस्को (एनयूएसटी एमआईएसआईएस) के साथ मिलकर महत्वपूर्ण खनिज प्रसंस्करण और सतत संसाधन विकास में सहयोग को मजबूत करने हेतु दो संयुक्त घोषणाओं (जेडीआई) पर हस्ताक्षर किए हैं।
डॉ. रामानुज नारायण (निदेशक, सीएसआईआर-आईएमएमटी) द्वारा दो अलग-अलग संयुक्त घोषणाओं पर हस्ताक्षर किए गए। पहला डॉ. आंद्रेई आई. गोलिनी (निदेशक, केमिकल टेक्नोलॉजी यूनिट, जेएससी रोसाटॉम साइंस) के साथ और दूसरा डॉ. माइकल आर. फिलोनोव (वाइस-रेक्टर, एनयूएसटी एमआईएसआईएस) के साथ मिलकर। सहयोग का समन्वय सीएसआईआर-आईएमएमटी के मुख्य वैज्ञानिक और व्यवसाय विकास प्रमुख डॉ. काली संजय और गिरेडमेट जेएससी और एनयूएसटी एमआईएसआईएस के विज्ञान और नवाचार के उप निदेशक डॉ. कोंस्टेंटिन वी. इवानोवस्कीख और एमआईएसआईएस सूचना और विपणन केंद्र के निदेशक डॉ. कोरोटचेंको नतालिया द्वारा किया गया है। इस हस्ताक्षर के दौरान भारतीय दूतावास मास्को के काउंसलर (अंतरिक्ष) अनूप कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद थे, जिन्होंने महत्वपूर्ण खनिज प्रौद्योगिकियों में दोनों देशों के बीच सहयोग का समर्थन किया।
सीएसआईआर-आईएमएमटी टीम (डॉ. रामानुज नारायण, निदेशक और डॉ. काली संजय, मुख्य वैज्ञानिक और प्रमुख, व्यवसाय विकास) ने 24 अप्रैल, 2025 को मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में रूसी संघ में भारत के राजदूत महामहिम विनय कुमार से मुलाकात की। इस बैठक का संचालन काउंसलर (अंतरिक्ष) अनूप कुमार श्रीवास्तव ने किया। बातचीत के दौरान टीम ने माननीय राजदूत को रूस की यात्रा के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी और आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों पर ध्यान फोकस करते हुए प्रक्रिया धातु विज्ञान में अनुसंधान और विकास और तकनीकी सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।