भारत का कोयला क्षेत्र फरवरी 2025 तक उत्पादन और प्रेषण दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ अपने मजबूत प्रदर्शन को जारी रखता है। संचयी कोयला उत्पादन 928.95 मिलियन टन (एमटी) तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 878.55 मीट्रिक टन की तुलना में 5.73% की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह, संचयी कोयला प्रेषण बढ़कर 929.41 मीट्रिक टन हो गया है, जो पिछले वर्ष के 880.92 मीट्रिक टन से 5.50% की वृद्धि दर्शाता है।
फरवरी 2025 तक कैप्टिव और अन्य संस्थाओं से कोयला उत्पादन 173.58 मीट्रिक टन रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 133.36 मीट्रिक टन से 30.16% अधिक है।
इसी प्रकार, कैप्टिव और अन्य संस्थाओं से कोयला प्रेषण फरवरी 2025 तक 178.02 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 134.96 मीट्रिक टन से 31.90% वृद्धि को दर्शाता है।
यह मजबूत प्रदर्शन ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश बढ़ती मांग को कुशलतापूर्वक पूरा कर सके। सरकार आने वाले महीनों में इस सकारात्मक गति को बनाए रखते हुए बुनियादी ढांचे के विकास और परिचालन दक्षता को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है।
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