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Declaration adopted at the 11th BRICS Labour and Employment Ministers Meeting 2025 under the chairmanship of Brazil
भारत

ब्राजील की अध्यक्षता में 11वीं ब्रिक्स श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक 2025 में घोषणापत्र को अपनाया गया

केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने 25 अप्रैल 2025 को ब्रासीलिया में, ब्राजील की अध्यक्षता में आयोजित, ब्रिक्स श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। “अधिक समावेशी और टिकाऊ शासन के लिए वैश्विक दक्षिण के सहयोग को मजबूत करना” के दृष्टिकोण के तहत आयोजित इस बैठक का समापन दो अहम विषयों को संबोधित करते हुए एक दूरदर्शी घोषणा को अपनाने के साथ हुआ: “कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और कार्य का भविष्य” और “कामकाजी दुनिया पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और उचित बदलाव”।

शोभा करंदलाजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “प्रौद्योगिकी सशक्तिकरण के लिए, बहिष्कार के लिए नहीं” के दृष्टिकोण के मुताबिक, तकनीकी बदलाव के लिए भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने एआई के लिए भारत की राष्ट्रीय रणनीति पर खासा ज़ोर दिया, जिसमें नैतिक बदलाव, कार्यबल के कौशल को बढ़ाने और कृषि, स्वास्थ्य सेवा तथा शिक्षा में क्षेत्रीय अनुप्रयोगों को प्राथमिकता दी गई है। फ्यूचरस्किल्स प्राइम और नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम जैसी पहल, खासकर ग्रामीण महिलाओं और युवाओं के लिए तकनीक-सक्षम आजीविका बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। एआई द्वारा संचालित राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) प्लेटफ़ॉर्म को, कौशल क्षेत्र में आ रहे अंतराल को खत्म करने और लाखों लोगों को रोजगार के मौके मुहैया कराने के लिए एक मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया।

जलवायु कार्रवाई के मसले पर, भारत ने अपने परिवर्तन ढांचे पर ज़ोर दिया, जिसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हरित विकास से समान रोजगार के मौके भी पैदा हों। कौशल और टिकाऊ व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने वाली बदलावकारी पहलों के रूप में सेक्टर स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स (एसएससीजीजे) और मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) पर विशेष ज़ोर दिया गया। जीएचजी उत्सर्जन में कमी (2020-2019) की उपलब्धि और 2070 तक नेट-जीरो की भारत की प्रतिज्ञा ने उसके जलवायु नेतृत्व को और मजबूत किया है। इस परिवर्तन के दौरान श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए आईएलओ के साथ सहयोगात्मक प्रयासों पर भी ज़ोर दिया गया।

ब्रिक्स घोषणापत्र की मुख्य बातें

घोषणापत्र में ब्रिक्स देशों को निम्नलिखित के लिए प्रतिबद्ध किया गया है:

  • ऐसी समावेशी एआई नीतियों को बढ़ावा देना, जो नवाचार को श्रमिकों की सुरक्षा के साथ संतुलन में रखती हैं।
  • निष्पक्ष जलवायु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक संवाद को आगे बढ़ाना।
  • श्रम प्रशासन, डिजिटल समावेशन और हरित रोजगार सृजन पर दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करना।

समावेशी सामाजिक कल्याण के साथ अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति को जोड़ने के लिए भारत के योगदान की सराहना की गई, जो माननीय प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र को दर्शाता है। इस बैठक ने ब्रिक्स के उस सामूहिक संकल्प की भी पुष्टि की, जो एक ऐसे भविष्य का निर्माण करने की वकालत करता है, जहां एआई-संचालित व्यवधान या जलवायु चुनौतियों के मद्देनज़र कोई भी श्रमिक पीछे न छूटे।

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