रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाशिंगटन डीसी में यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम की ओर से आयोजित उद्योग गोलमेज सम्मेलन में अमेरिकी रक्षा कंपनियों के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत की। उन्होंने भारत में रक्षा क्षेत्र में उभरते विभिन्न सह-विकास और सह-उत्पादन अवसरों की रूपरेखा प्रस्तुत की। भारत सरकार के प्रगतिशील सुधारों ने अमेरिका सहित कई विदेशी मूल के उपकरण निर्माताओं को भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने, संयुक्त उद्यम विकसित करने और भारत को अपना वैकल्पिक निर्यात आधार बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत में जीई 414 एयरो-इंजन का नियोजित सह-उत्पादन भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगा।
राजनाथ सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘साझेदारी’ और ‘संयुक्त प्रयास’ दो प्रमुख शब्द हैं जो भारत की रक्षा उद्योग साझेदारी को अन्य देशों से अलग करते हैं।
इस कार्यक्रम में बोइंग, जीई, जनरल एटॉमिक्स, जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स, एल3 हैरिस, लॉकहीड मार्टिन, रेथियॉन टेक्नोलॉजीज, रोल्स रॉयस और थायरमहान जैसी प्रमुख अमेरिकी रक्षा और प्रौद्योगिकी कंपनियों के वरिष्ठ नेतृत्व की उपस्थिति देखी गई। इसके अलावा, आइडियाफोर्ज, टाटा संस और टीसेकंड जैसी कुछ भारतीय कंपनियों के साथ-साथ कोहेन समूह के वरिष्ठ अधिकारियों ने रक्षा मंत्री के साथ बातचीत में भाग लिया। इस बातचीत के दौरान, व्यापारिक दिग्गजों ने भारत के लिए अपनी जारी परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं की संक्षेप में रूपरेखा तैयार की और बहुमूल्य प्रतिक्रिया प्रदान की।
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