रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में हो रही उथल-पुथल को देखते हुए भारत की आक्रमण और रक्षात्मक कार्रवाईयों को और सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। वर्ष 2024 को नौसेना नागरिक वर्ष मनाने से संबंधित आज नई दिल्ली में (17 जनवरी, 2025 को) आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने तनावपूर्ण भू-राजनीतिक सुरक्षा परिदृश्यों को देखते हुए सशस्त्र बलों के सामने बढ़ती जटिलताओं का उल्लेख किया और देश की सामरिक क्षमता और अधिक बढ़ाने का आह्वान किया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पूरे दशक में अगर हम रक्षा और सुरक्षा का आकलन करें तो हम कह सकते हैं कि यह दौर अस्थिर रहा है। दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष और युद्ध चल रहे हैं इसको ध्यान में रखते हुए हमें अपनी सुरक्षा के लिए योजना बनाने, संसाधन जुटाने और बजट बनाने की आवश्यकता है। हमें स्थिति अनुरूप परामर्शी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें सभी हितपक्षों से विमर्श करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के अनुसार हमारी सेनाओं को सुसज्जित और तैयार रहना चाहिए। राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि नागरिक कार्यबल जो सशस्त्र बलों का अभिन्न अंग है योजना प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना बड़े सामर्थ्य और व्यापक संरचना के साथ आगे बढ़ रही है और इसमें “बिना वर्दी के सैनिक”-नागरिक कार्यबल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वे सैनिकों के शक्ति संचालन में बिना दिखे काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिक देशभक्ति, वीरता और अनुशासन से खतरों और चुनौतियों से देश की रक्षा करते हैं। नागरिक कार्यबल को भी सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए इन मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेवा के व्यापक परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक वर्दी के बिना एक सैनिक है और प्रत्येक सैनिक वर्दी में एक नागरिक है।
हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति और इसके भू-राजनीतिक महत्व को देखते हुए राजनाथ सिंह ने नौसैनिक शक्ति सुदृढ़ करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार के संकल्प को दोहराया और मौजूदा समय की आवश्यकता बताया। उन्होंने मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा भारत में निर्मित तीन विश्व स्तरीय युद्धपोतों- आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को हाल में नौसेना को सौंपे जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सभी संबंधित पक्षों के ठोस प्रयासों से संभव हुआ है। उन्होंने युद्धक पोतों को भारत के सशक्तिकरण का प्रतीक बताया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि समुद्री सुरक्षा से जुड़ी है। इसलिए, हमारे जलीय क्षेत्र की रक्षा करना, नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना और हमारे समुद्री मार्ग को सुरक्षित रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में प्रमुख नौसैनिक शक्तियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति कम कर दी है, जबकि भारतीय नौसेना ने अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। अदन की खाड़ी, लाल सागर और पूर्वी अफ्रीकी देशों के निकट के समुद्री क्षेत्रों में खतरे बढ़ने की आशंका है। इसी को देखते हुए भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपने को मजबूत कर रही है।
राजनाथ सिंह ने मौजूदा समय में साइबर सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इसकी अनदेखी करना अहितकर और घातक सिद्ध हो सकता है। रक्षामंत्री ने सशस्त्र बलों में साइबर सुरक्षा पर एक विशेष जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
रक्षा मंत्री ने राष्ट्र की सेवा में लगे हर व्यक्ति के योगदान को मानने की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसमें कोई भी छूटना नहीं चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इसी भावना के साथ हम कार्य कर रहे हैं। लेकिन अगर विशेष रूप से भारतीय नौसेना की बात करें तो हमने वर्दीधारी सैनिकों और नौसेना के नागरिक कर्मचारियों को समान प्राथमिकता दी है।
राजनाथ सिंह ने बीमा योजना सहित नौसेना के नागरिक कर्मचारियों के कल्याण के लिए की गई पहल का उल्लेख किया जो उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सशस्त्र बलों को सुदृढ़ बनाने के हर संभव कदम उठाएगी और इस कार्य में हर भारतीय उनके साथ खड़ा है।
रक्षा मंत्री ने नौसेना के नागरिक कार्यबल को नवीनतम तकनीकी प्रगति से युक्त बनने और 2047 तक प्रधानमंत्री के विकसित भारत की भविष्य दृष्टि साकार करने के लिए कौशल उन्नयन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन संयुक्त प्रयासों से भविष्य की चुनौतियों से निपटने और एक विकसित राष्ट्र बनने में देश सक्षम होगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण के साथ मिलकर चलना है इसे केवल विभाग या संगठन के स्तर पर नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन के लोग अगर मिलकर काम करें तो वे देश के व्यापक लक्ष्य को पूरा करने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि हमें संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण से आगे बढ़ते हुए संपूर्ण जन दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए। इससे हम मिलकर सामरिक दृष्टि से भारत को सुदृढ़ बनाने के साथ ही इसके समग्र विकास को भी नए आयाम देंगे।
कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और प्रमुख सेना अध्यक्ष (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) जनरल अनिल चौहान भी उपस्थित थे। उन्होंने नौसेना के नागरिक कर्मचारियों की कलात्मक प्रतिभा, पेशेवर उत्कृष्टता और उनकी सेवा की भावना के साथ दिए गए महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया।
नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने स्वागत भाषण में तकनीकी सहायता, प्रशासनिक प्रबंधन और प्रचालन सहायता सहित भारतीय नौसेना के विभिन्न संचालन कार्यों में नौसेना नागरिक कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की। उन्होंने कहा कि नौसेना की युद्ध तत्परता और परिचालन सफलता में इन कर्मचारियों की अहम भूमिका है।
आयोजन विशेष फोटो और पेंटिंग प्रदर्शनी के साथ आरंभ हुआ जिसमें नौसेना नागरिक कर्मचारियों की कलात्मक प्रतिभा और उपलब्धियां दर्शायी गईं। कलाकृतियों में उनके कामकाजी जीवन और नौसेना परिचालन में उनके विभिन्न योगदानों को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में तकनीकी भूमिकाओं के साथ ही उनकी रचनात्मक अभिव्यक्तियों को उजागर किया गया है जो नौसेना के मिशन में उनके योगदान को दर्शाता
है।
समारोह में रक्षा मंत्री को प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार विजेताओं से भी मिलवाया गया। यह श्रम पुरस्कार हर वर्ष असाधारण समर्पण और उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
राजनाथ सिंह ने कर्तव्यों के निर्वहन में उत्कृष्ट समर्पण और पेशेवेराना रुख के साथ अनुकरणीय सेवा और योगदान के लिए नौसेना के नागरिक कर्मचारियों को नौ मेधा पुरस्कार और 16 नकद पुरस्कार प्रदान किए। रक्षा मंत्री ने पुरस्कार विजेताओं की प्रतिबद्धता, अनुकूल सहयोग और बढ़ चढ़ कर कर्तव्य निभाने की सराहना की।
समारोह में ‘नौसेना नागरिक वर्ष’ में विभिन्न पहलों और गतिविधियों पर एक लघु फिल्म दिखाई गई। इस अवसर पर भारतीय नौसेना ने नौसेना नागरिक कर्मचारियों को समर्पित एक विशेष गीत जारी किया जो नौसेना में उनके योगदान को दर्शाता है। यह गीत समर्पण, सेवा अनुकूलन और नौसेना संचालन में अभिन्न पूरक के तौर पर उनके अथक प्रयास को बयां करता है। इसे नौसेना के नागरिक गायकों के समूह द्वारा लाइव प्रस्तुत किया गया। वीरता से भरे गीत और भावपूर्ण धुन से कार्यक्रम में उपस्थित लोग गर्व और एकता की भावना भर उठे और तालियों से इसका स्वागत किया।
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