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दिल्ली दक्षिण सीजीएसटी अधिकारियों ने 7.85 करोड़ रुपये की जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया; चार्टर्ड अकाउंटेंट गिरफ्तार

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) धोखाधड़ी पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, सीजीएसटी दक्षिण दिल्ली कमिश्नरेट ने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है, जिसमें दक्षिण दिल्ली स्थित एक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा 7.85 करोड़ रुपये (लगभग) की राशि के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावे शामिल हैं।

जांच में 80 से ज़्यादा जीएसटीआईएन (वस्‍तु और सेवा कर पहचान संख्या) का दुरुपयोग पाया गया, जो मुख्य रूप से पालम/द्वारका इलाके में चार्टर्ड अकाउंटेंट के ईमेल आईडी और संपर्क नंबरों से जुड़े थे। सर्कुलर ट्रेडिंग में लगे 31 जीएसटीआईएन के एक मुख्य समूह की पहचान की गई, जिसमें वस्‍तु या सेवाओं की कोई वास्तविक आपूर्ति नहीं होती थी।

तलाशी की कार्यवाही 12 परिसरों में की गई जिसमें कई फर्में अस्तित्वहीन पाई गईं। तलाशी के दौरान, जांच से संबंधित कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए और संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए गए। कई करदाताओं ने स्वीकार किया कि वे जीएसटी फाइलिंग के लिए पूरी तरह से चार्टर्ड अकाउंटेंट पर निर्भर थे। लॉगिन क्रेडेंशियल और फाइलिंग मुख्‍य रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थे।

आरोपी द्वारा किए गए अपराध सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) और 132(1)(सी) के अंतर्गत आते हैं, जो धारा 132(5) के अंतर्गत संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है और अधिनियम की धारा 132(1)(आई) के अंतर्गत दंडनीय है।, उक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69(1) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया और 7 मई 2025 को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसे 21 मई 2025 तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

यह मामला प्रतिरूपण, क्रेडेंशियल दुरुपयोग और मिलीभगत वाले सर्कुलर ट्रेडिंग के माध्यम से जीएसटी ढांचे के व्यवस्थित दुरुपयोग को उजागर करता है। धोखाधड़ी के पूर्ण पैमाने को उजागर करने और अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट के सभी लाभार्थियों की पहचान करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के अंतर्गत जांच जारी है।

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