पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मेघालय के राज्य और जिला नोडल अधिकारियों के लिए सॉफ्टवेयर और नस्लों पर 21वीं पशुधन जनगणना का क्षेत्रीय प्रशिक्षण आयोजित किया
पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी), मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार और मेजबान राज्य असम ने आज असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मेघालय के राज्य और जिला नोडल अधिकारियों (एसएनओ/डीएनओ) को सॉफ्टवेयर (मोबाइल और वेब एप्लीकेशन/डैशबोर्ड) और नस्लों पर 21वीं पशुधन जनगणना का क्षेत्रीय प्रशिक्षण दिया। यह कार्यशाला गुवाहाटी में आयोजित की गई थी, जिसमें इन राज्यों के डीएनओ/एसएनओ को 21वीं पशुधन जनगणना जो सितंबर-दिसंबर 2024 में होना तय है, के संचालन के लिए नए लॉन्च किए गए एप्लीकेशन पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला में पशुपालन सांख्यिकी प्रभाग द्वारा 21वीं पशुधन जनगणना के संक्षिप्त विवरण के साथ कई सत्र आयोजित किए गए, जिसके बाद आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) द्वारा जनगणना में शामिल की जाने वाली प्रजातियों के नस्ल विवरणों पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। सटीक नस्ल पहचान के महत्व पर जोर दिया गया, जो विभिन्न पशुधन क्षेत्र कार्यक्रमों में उपयोग किए जाने वाले सटीक आंकड़े तैयार करने और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के राष्ट्रीय संकेतक ढांचे (एनआईएफ) के लिए महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला में भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग की सॉफ्टवेयर टीम द्वारा 21वीं पशुधन गणना के सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली और लाइव अनुप्रयोग पर विस्तृत सत्र शामिल थे, जिन्हें एसएनओ/डीएनओ के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और डैशबोर्ड सॉफ्टवेयर पर प्रशिक्षित किया गया। ये नोडल अधिकारी अपने-अपने जिला मुख्यालयों पर प्रगणकों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करेंगे।
कार्यशाला का उद्घाटन असम सरकार के कृषि, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अतुल बोरा ने किया। असम सरकार के प्रधान सचिव मनीष ठाकुर, आईएएस, भारत सरकार के सलाहकार (सांख्यिकी) जगत हजारिका, आईएसएस, असम सरकार के पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग के निदेशक अनिल चौधरी देवरी एसीएस, भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग के निदेशक (सांख्यिकी) वीपी सिंह आईएसएस और आईसीएआर-एनबीएजीआर, करनाल के निदेशक बीपी मिश्रा भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों के संबोधन ने पशुधन गणना के संचालन के लिए जिला और राज्य नोडल कार्यालयों को सफल प्रशिक्षण की दिशा में सहयोगात्मक प्रयास को आगे बढ़ाया।