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Department of Health Research and Indian Council of Medical Research host the Health Research Excellence Summit 2024
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स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने स्वास्थ्य अनुसंधान उत्कृष्टता शिखर सम्मेलन 2024 की मेजबानी की

स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (डीएचआर-आईसीएमआर) ने आज नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में डीएचआर-आईसीएमआर स्वास्थ्य अनुसंधान उत्कृष्टता शिखर सम्मेलन 2024 की मेजबानी की। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने आईसीएमआर के 113वें स्थापना दिवस को चिन्ह्ति किया और भारत में जैव चिकित्सा अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की एक सदी से अधिक की प्रतिबद्धता का जश्न मनाया।

इस सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा (वीडियो संदेश के माध्यम से), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल और सचिव स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और महानिदेशक भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद डॉ. राजीव बहल शामिल थे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने (वीडियो संदेश के माध्यम से) सभा को संबोधित किया और कहा कि आज हम स्वास्थ्य अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आईसीएमआर की अटूट प्रतिबद्धता की एक शताब्दी से अधिक की वर्षगांठ मना रहे हैं। आईसीएमआर जैव चिकित्सा अनुसंधान में सबसे आगे रहा है, जिसने कुछ सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संक्रामक बीमारियों में तपेदिक, मलेरिया और कोविड-19 से निपटने से लेकर गैर-संचारी रोगों, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और पोषण संबंधी विकारों के समाधान विकसित करने तक आईसीएमआर ने भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों और आईसीएमआर परिवार के सभी सदस्यों को बधाई दी और कहा कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, इस मान्यता को हमें याद दिलाना चाहिए कि हर प्रयास मायने रखता है और हमें कुछ न कुछ करने के नए अवसर प्राप्त होते है। इस अवसर पर जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब से आईसीएमआर अपने स्थापना दिवस के वार्षिक समारोह के दौरान अनुसंधान उत्कृष्टता को मान्यता देने की अपनी परंपरा को जारी रखेगा। उन्होंने कामना की कि हम एक साथ एक स्वस्थ और मजबूत भारत के निर्माण के अपने मिशन में आगे बढ़ें।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि “आईसीएमआर लंबे समय से भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने में अग्रणी रहा है, जिसका देश के जैव चिकित्सा और वैज्ञानिक क्षेत्रों में योगदान का एक गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने कहा कि “जैसा कि हम विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में काम करते हैं, डीएचआर-आईसीएमआर का अनुसंधान और नवाचार में नेतृत्व, अपने एक्स्ट्रामुरल और इंट्रामुरल कार्यक्रमों के माध्यम से, स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तनकारी प्रगति को आगे बढ़ाता है। भारत का वैज्ञानिक परिदृश्य एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है, और आज एक स्वस्थ, अधिक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हमारे शोधकर्ताओं के अमूल्य योगदान को मान्यता देने का एक उपयुक्त क्षण है।”

राज्य मंत्री ने कहा कि आज का दिन उन अनगिनत लोगों को याद करने का दिन है, जिनके जीवन में आईसीएमआर के योगदान से परिवर्तन आया है। उन्होंने डीएचआर-आईसीएमआर की टीम की समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन योगदानों को मान्यता देना आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।

इस अवसर पर अपने संबोधन में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल ने कहा कि “आज हम नवाचार और अनुसंधान में जो प्रगति देख रहे हैं, वह न केवल हमारे समय की दबावपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करेगी, बल्कि भारत को स्वास्थ्य अनुसंधान में वैश्विक गुरू के रूप में भी स्थापित करेगी। यह सामूहिक प्रयास एक स्वस्थ भविष्य की नींव रख रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि भारत वैज्ञानिक नवाचार और स्वास्थ्य सेवा उत्कृष्टता के मामले में सबसे आगे अपना सही स्थान बनाए।” आईसीएमआर की पूरी टीम को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन हमारा लक्ष्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कल्पना किए गए विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ना होना चाहिए।

डीएचआर सचिव और आईसीएमआर महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, “डीएचआर-आईसीएमआर स्वास्थ्य अनुसंधान उत्कृष्टता शिखर सम्मेलन एक ऐसे वातावरण को प्रोत्साहन देने के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है जहां प्रभावशाली शोध सुशोभित होता है। आज हम जिन उपलब्धियों का उत्सव मना रहे हैं, वे भारत के समर्पित शोधकर्ताओं, संस्थानों और सहायता टीमों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम हैं। मैं वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने और एक स्वस्थ और अधिक समृद्ध भारत के निर्माण में सहायता करने की प्रतिबद्धता के लिए सभी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।”

इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवा नवाचार में आईसीएमआर के योगदान को प्रोत्साहन देने के लिए डिज़ाइन की गई कई महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ भी हुआ। इनमें से उल्लेखनीय है रिसर्च इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग इकोसिस्टम (आई-राइज़) नीति जो स्वास्थ्य सेवा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईसीएमआर की व्यापक प्रयोगशाला और अनुसंधान नेटवर्क तक पहुंच बढ़ाने के लिए एक सहयोगी मंच है। आईसीएमआर की आई-ड्रोन पहल, जिसका प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 अक्टूबर, 2024 को आयुर्वेद दिवस के अवसर पर शुभारम्भ किया था, का भी आज सुश्री अनुप्रिया पटेल ने पीएचसी, यादाद्री भावुनगरी, तेलंगाना में वर्चुअल तरीके से संचालित उड़ान के माध्यम से प्रदर्शन किया।

शिखर सम्मेलन में आईसीएमआर इतिहास पुस्तक का भी शुभारंभ किया गया, जो भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में आईसीएमआर की एक सदी से अधिक की उपलब्धियों और योगदान का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है। इसके साथ ही, बौद्धिक संपदा नीति, सीएसआर निधि और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर नए दिशानिर्देश प्रस्तुत किए गए, जिससे नवाचार को प्रोत्साहन देने, सहयोग को प्रोत्साहित करने और संसाधन आवंटन को अनुकूलित करने के लिए एक मजबूत ढांचा स्थापित हुआ।

शिखर सम्मेलन में आईसीएमआर के संस्थानों और आईसीएमआर समर्थित मेडिकल कॉलेजों और भारत भर के शोध संस्थानों के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं को मान्यता देकर चिकित्सा अनुसंधान में उनके अनुकरणीय योगदान का उत्सव मनाया गया। सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र, सर्वश्रेष्ठ नवाचार, सर्वश्रेष्ठ टीम अनुसंधान और सर्वश्रेष्ठ पीएचडी छात्र के लिए व्यक्तियों और टीमों को सम्मानित किया गया, साथ ही सर्वश्रेष्ठ आईसीएमआर संस्थान, सर्वश्रेष्ठ बाह्य संस्थान, सर्वश्रेष्ठ बहु-विषयक अनुसंधान इकाई, सर्वश्रेष्ठ मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई, सर्वश्रेष्ठ विषाणु अनुसंधान और नैदानिक ​​प्रयोगशाला और सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन केंद्र सहित संस्थागत विशिष्टताओं को भी सम्मानित किया गया।

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