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डाक विभाग और सिदबी ने उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म पर अनौपचारिक माइक्रो एंटरप्राइजेज के कॉन्टैक्ट पॉइंट वेरिफिकेशन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

सरकार के संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग (डीओपी) और स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (सिदबी) ने उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म (यूएपी) पर रजिस्टर्ड इनफॉर्मल माइक्रो एंटरप्राइजेज (आईएमई) का कॉन्टैक्ट पॉइंट वेरिफिकेशन (सीपीवी) करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्mताक्षर किए हैं।

एमओयू पर डाक विभाग की ओर से मनीषा बंसल बादल, जनरल मैनेजर (सिटीज़न सेंट्रिक सर्विसेज़ और रूरल बिज़नेस) और सिदबी की ओर से वहां के उप महाप्रबंधक अमित नागर ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों संगठनों के बीच पूरे देश में अनौपचारिक माइक्रो एंटरप्राइज़ेज़ के सत्‍यापन, डेटा इंटीग्रिटी और क्रेडिट इनेबलमेंट पहलों को सहयोग के लिए एक स्ट्रक्चर्ड संस्थागत ढांचा स्थापित करता है।

डाक विभाग, जो दुनिया के सबसे बड़े पोस्टल नेटवर्क वाला एक भरोसेमंद पब्लिक सर्विस संस्थान है और जिसमें 1.64 लाख से ज़्यादा पोस्ट ऑफिस हैं, इस साझेदारी में अंतिम मील तक अपनी पहुंच, प्रशिक्षित फील्ड वर्कफोर्स और नागरिक-केंद्रित और बिजनेस-टू-गवर्नमेंट सेवाएं देने का व्यापक अनुभव लेकर आया है। भारतीय डाक ने फाइनेंशियल इन्क्लूजन, डिजिटल सशक्तिकरण और समावेशी सेवा वितरण से संबंधित राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सिदबी, जो माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) सेक्टर के प्रमोशन, फाइनेंसिंग और डेवलपमेंट के लिए मुख्य फाइनेंशियल संस्था है, उसे उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म को डेवलप करने और मैनेज करने के लिए नामित एजेंसी बनाया गया है। इस प्लेटफॉर्म का मकसद फॉर्मलाइजेशन, डेटा वैलिडेशन और इंस्टीट्यूशनल क्रेडिट तक पहुंच को आसान बनाकर इनफॉर्मल माइक्रो एंटरप्राइज इकोसिस्टम को मजबूत करना है। इन कोशिशों के तहत, सिदबी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध एंटरप्राइज-लेवल की जानकारी की सटीकता, प्रामाणिकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत सीपीवी मैकेनिज्म शुरू कर रहा है।

समझौता ज्ञापन के तहत, डाक विभाग अपने देशव्यापी पोस्टल नेटवर्क और ट्रेंड कर्मचारियों का इस्तेमाल करके उद्यम असिस्ट पोर्टल पर रजिस्टर्ड एंटरप्राइज़ेज़ का ज़मीनी स्तर पर कॉन्टैक्ट पॉइंट वेरिफिकेशन करेगा। वेरिफिकेशन में डेमोग्राफिक डिटेल्स, बिज़नेस की जानकारी और लोकेशन-बेस्ड वैलिडेशन शामिल होगा, जिसे सिदबी द्वारा तय सीपीवी फ्रेमवर्क के अनुसार जियो-टैग्ड सबूतों से सपोर्ट मिलेगा।

यह पहल सिदबी द्वारा विकसित एक खास सीपीवी मोबाइल एप्लिकेशन के ज़रिए लागू की जाएगी, जिससे रियल-टाइम डेटा कैप्चर, जियो-टैग्ड तस्वीरों को सुरक्षित रूप से अपलोड करना और वेरिफिकेशन रिपोर्ट समय पर जमा करना संभव होगा। सिदबी सभी क्षेत्रों में वेरिफिकेशन एक्टिविटीज़ को एक समान, सटीक और उच्च-गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए सिस्टम एक्सेस, बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑपरेशनल गाइडलाइंस और ट्रेनिंग सपोर्ट देगा।

यह समझौता ज्ञापन 31 दिसम्बर 2025 से 30 दिसम्बर 2027 तक दो साल की अवधि के लिए मान्‍य रहेगा, और आपसी सहमति से तय शर्तों पर इसे बढ़ाया जा सकता है। इस एग्रीमेंट में डेटा की गोपनीयता, सूचना सुरक्षा, जीएसटी कंप्लायंस और स्ट्रक्चर्ड पेमेंट सिस्टम से जुड़े प्रावधान भी शामिल हैं।

यह पार्टनरशिप इंडिया पोस्ट की नागरिक-केंद्रित सर्विस डिलीवरी क्षमताओं का इस्तेमाल करके एमएसएमई डेवलपमेंट, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को सपोर्ट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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