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DIBD and Mizoram Govt sign MoU with Bhashini for multilingual governance
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DIBD और मिजोरम सरकार ने बहुभाषी शासन के लिए भाषिणी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

समावेशी डिजिटल शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, डिजिटल इंडिया भाषिणी डिविजन (डीआईबीडी) और मिजोरम सरकार ने बहुभाषी शासन को बढ़ावा देने और मिजो समुदाय को उनकी मूल भाषा में भाषा प्रौद्योगिकी के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस रणनीतिक साझेदारी के साथ मिजोरम सरकार भाषिणी के अभिनव मंच को अपनाने के लिए तैयार है, जो सभी के लिए डिजिटल पहुंच और भागीदारी सुनिश्चित करते हुए राज्य की भाषाई विरासत को संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह 18 जून, 2025 को नई दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मीटीई) कार्यालय में निम्नलिखित वरिष्ठ गणमान्य अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ: मिजोरम सरकार के मुख्य सचिव खिल्ली राम मीणा, मीटीई के अपर सचिव अभिषेक सिंह, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और सहकारिता, मिजोरम सरकार के सचिव अमित शर्मा, डिजिटल इंडिया भाषिणी डिविजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ नाग, मीटीई, डीआईबीडी और मिजोरम सरकार के अन्य अधिकारी भी शामिल थे।

यह समझौता ज्ञापन, शासन में मूल भाषा की पहुंच को बढ़ावा देने, क्षेत्रीय भाषाओं को संरक्षित करने और डिजिटल समावेशन के माध्यम से जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के मिजोरम सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मिजोरम सरकार के मुख्य सचिव खिल्ली राम मीणा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भाषिणी के साथ यह साझेदारी डिजिटल शासन को वास्तव में हर मिजो नागरिक के लिए सुलभ बनाएगी। प्रौद्योगिकी को अपनाते हुए अपनी भाषा को संरक्षित करके हम मिजोरम के लिए समावेशी डिजिटल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।”

मीटीई के अपर सचिव अभिषेक सिंह ने कहा, “इस समझौता ज्ञापन के साथ भाषिणी को मिजोरम में बहुभाषी शासन को सक्षम बनाने और राज्य की भाषाई विविधता में निहित नवाचार को बढ़ावा देने में सहायता करने पर गर्व है। एक साथ मिलकर हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं, जहां हर भारतीय चाहे वह किसी भी भाषा का हो, डिजिटल अवसरों तक पहुंच सकता है।”

मिजोरम सरकार में आईसीटी और सहकारिता सचिव अमित शर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला, “भाषिणी की बहुभाषी तकनीक हमारे नागरिकों की सेवा करने के तरीके को बदल देगी। यह सहयोग सुनिश्चित करता है कि हमारे आदिवासी समुदाय अपनी मूल भाषा में डिजिटल सेवाओं तक पहुंच सकें, जिससे शासन अधिक समावेशी और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील बन सके।”

डिजिटल इंडिया भाषिणी डिविजन के सीईओ अमिताभ नाग ने इस बात पर जोर दिया,”यह सहयोग केवल प्रौद्योगिकी परिनियोजन नहीं है, यह भाषिणी और मिजोरम सरकार के बीच एक सह-निर्मित प्रयास होगा, जिसका उद्देश्य लोगों की भाषा में शासन व्यवस्था तैयार करना है। भाषिणी को एक ऐसे आंदोलन का हिस्सा होने पर गर्व है, जहां भाषा, प्रौद्योगिकी और शासन एक साथ बढ़ते हैं।”

रणनीतिक साझेदारी का लक्ष्य है:

  • उन्नत नागरिक सेवाएं – मिजो और अन्य स्थानीय भाषाओं में सरकारी योजनाओं, सेवाओं और सूचनाओं तक पहुंच को सक्षम करके।
  • समावेशी शासन – लोक प्रशासन में भाषाई बाधाओं को तोड़कर यह पहल समाज के सभी वर्गों से पारदर्शिता, विश्वास और भागीदारी को बढ़ावा देती है।
  • डिजिटल सशक्तीकरण – साझेदारी यह सुनिश्चित करती है कि भाषा की सीमाओं के कारण कोई भी नागरिक पीछे न छूट जाए। प्रौद्योगिकी और शासन वास्तव में सुलभ और समावेशी बन सके।
  • मिजो भाषा एआई मॉडल में सुधार – देश के बहुभाषी इको-सिस्टम के लिए सटीक, सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक अनुवाद उपकरण बनाने के लिए मिजो भाषा डेटासेट और एआई मॉडल को बेहतर बनाने में सहयोग।

बहुभाषी समाधानों की सफल शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए आइजोल में जल्द ही एक भाषणी राज्यम कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें राज्य के अधिकारी और हितधारक एक साथ आएंगे।

कार्यशाला में कार्यक्रम कार्यान्वयन, क्षमता निर्माण और विभिन्न विभागों में भाषा प्रौद्योगिकियों की प्रयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

यह सहयोग सभी के लिए डिजिटल रूप से समावेशी और भाषाई रूप से समृद्ध भविष्य का निर्माण करने के लिए डीआईबीडी, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, भारत सरकार और मिजोरम सरकार के साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है।

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