लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि दिव्यांगजन “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के मंत्र पर आधारित राष्ट्र की प्रगति की यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा हैं और इसका उद्देश्य भारत की प्रगति में प्रत्येक व्यक्ति, वर्ग और समुदाय को शामिल करना है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति को, चाहे उसकी पृष्ठभूमि या हालात कुछ भी हों, समान अवसर और अधिकार प्राप्त हों।
शुक्रवार को गुरुग्राम में 11वें राष्ट्रीय दिव्यांगता सम्मेलन और 11वीं राष्ट्रीय एबिलिम्पिक्स प्रतियोगिता को संबोधित करते हुए ओम बिरला ने कहा कि यह मंच दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समावेशन हेतु काम करने तथा उनकी प्रतिभा दिखाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के प्रयासों से देश भर में दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल हालात और बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में मदद मिलती है। दिव्यांगजनों की विशेष क्षमताओं पर रोशनी डालते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सभी माननीय सांसदों से दिव्यांगजनों की प्रतिभा को मंच प्रदान करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। इस मौके पर ओम बिरला ने दिव्यांगजनों को संविधान का ब्रेल संस्करण भी भेंट किया।
ओम बिरला ने कहा कि राष्ट्रीय एबिलिम्पिक्स प्रतियोगिता प्रतिभागियों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करती है और समाज को दिखाती है कि दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी व्यक्ति यदि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करता है, तो उसे कोई भी चीज उस लक्ष्य को प्राप्त करने से रोक नहीं पाती है। उन्होंने कहा कि भारत को समानतावादी समाज बनाने के लिए दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाना होगा।
इस बात को रेखांकित करते हुए कि सरकार के प्रयास समाज के समग्र विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं, लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार इस कार्य को दूरदर्शिता और तत्परता के साथ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की पहलों, जैसे कि “दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम” और “सुगम्य भारत अभियान”, ने शिक्षा, रोजगार और अन्य क्षेत्रों में दिव्यांगजनों के लिए समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
सरकार के प्रयासों में जहां कमी रह गई उस कमी को दूर करने में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए, ओम बिरला ने सार्थक शैक्षणिक ट्रस्ट और नेशनल एबिलिम्पिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनएएआई) के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने 33 लाख से अधिक दिव्यांगजनों तक पहुंच बनाई है और उन्हें सशक्त बनाया है। ओम बिरला ने कहा कि आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते हुए राष्ट्र की प्रगति में दिव्यांगजनों को शामिल करना बहुत महत्वपूर्ण है। “दिव्यांग पेंशन योजना” जैसी योजनाओं के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम दिव्यांगजनों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जुड़ा हुआ महसूस करवाने और उनका मनोबल बढ़ाने में मदद करते हैं। इस संदर्भ में, ओम बिरला ने पेरिस पैरालिंपिक खेलों में भारतीय एथलीटों के प्रभावशाली प्रदर्शन पर गर्व करते हुए कहा कि वहां उन्होंने 7 स्वर्ण पदकों सहित 29 पदक जीते। ओम बिरला ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि ये प्रतियोगिता कौशल-आधारित स्पर्धाओं और प्रोद्योगिक नवाचारों पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में यह सुनिश्चित करना होगा कि दिव्यांगजन न केवल प्रोद्योगिक प्रगति से लाभान्वित हों, बल्कि वे उनमें अपना योगदान भी दें। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों में दिव्यांगजनों की भागीदारी सुनिश्चित करना राष्ट्र का उत्तरदायित्व है। उन्होंने प्रतिभागियों से एक ऐसा राष्ट्र बनाने के लिए एक साथ आने का आह्वान किया, जहां हर व्यक्ति को, उसकी क्षमताओं की परवाह किए बिना, अपने सपनों को हासिल करने और भारत की प्रगति में योगदान देने के समान अवसर मिलें।
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