उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), केंद्र सरकार और कोरिया परिवहन संस्थान (केओटीआई), कोरिया गणराज्य (आरओके) ने लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। आज दक्षिण कोरिया के सेजोंग राष्ट्रीय अनुसंधान परिसर में केओटीआई के अध्यक्ष श्री यंगचन किम और कोरिया गणराज्य में भारत के राजदूत अमित कुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस समझौता ज्ञापन से लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग बढ़ेगा, भारत की महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा पहलों का समर्थन करने के लिए केओटीआई की विशेषज्ञता का लाभ उठाया जाएगा । पहल को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त कार्य बैठकें आयोजित की जाएंगी।
इसके अलावा, समझौता ज्ञापन से लॉजिस्टिक्स डिवीजन, डीपीआईआईटी और केओटीआई के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान और संस्थागत सहयोग के लिए एक व्यापक प्रणाली स्थापित होगी। इससे प्रतिष्ठित कार्यक्रम – पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तत्वावधान में बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स मास्टर प्लान के विकास में सहायता मिलेगी।
इस सहयोग के मुख्य लाभों में एक शोध-संचालित कार्यक्रम की स्थापना शामिल है जो ज्ञान के आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता के माध्यम से लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञता को प्रोत्साहन देता है। यह मास्टर प्लानिंग, प्रौद्योगिकी अपनाने और नवाचार जैसे क्षेत्रों में आपसी-सीख को भी प्रोत्साहन देगा। इसके अतिरिक्त, भागीदारी पीएम गतिशक्ति पहल के तहत उपलब्धियों पर ध्यान आकर्षित करेगी और वैश्विक स्तर पर जीआईएस डेटा-आधारित तकनीक को प्रोत्साहन देगी।
यह समझौता ज्ञापन द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त करने तथा लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
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