केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में मसौदा राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 पर चर्चा करने के लिए हितधारकों की परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। यह परामर्श इस मसौदा विधेयक पर सुझाव एकत्र करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ ewzकी जा रही बैठकों की श्रृंखला का हिस्सा है। इसका उद्देश्य भारत में खेलों के लिए प्रशासन संबंधी ढांचे को मजबूत आकार देना है।
डॉ. मांडविया ने इस बात पर जोर दिया कि मसौदा राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 का उद्देश्य खिलाड़ियों के विकास और कल्याण को बढ़ावा देने, नैतिक शासन सुनिश्चित करने और प्रभावी विवाद समाधान तंत्र प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करना है। उन्होंने कहा, “मसौदा विधेयक को खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और अन्य हितधारकों की विविध आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक समग्र दृष्टिकोण के साथ तैयार किया गया है।”
डॉ. मांडविया ने इसमें शामिल हितधारकों को उनके सुझाव देने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा, “इस विधेयक को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आपके बहुमूल्य सुझाव के लिए यहां बुलाया गया है ताकि खिलाड़ी, कोच और अन्य हितधारक वास्तव में लाभान्वित हो सकें।” उन्होंने खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में प्रशिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा, “मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि हम अपने प्रशिक्षकों को जितना अधिक सशक्त बनाएंगे, वे उतने ही बेहतरीन खिलाड़ी तैयार कर पाएंगे।”
केंद्रीय मंत्री ने भारत के युवाओं की क्षमता और उनकी प्रतिभा को सही दिशा में ले जाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “हमारे देश में युवाओं, प्रतिभाओं या बौद्धिक शक्ति की कोई कमी नहीं है। हमारा उद्देश्य उन्हें सुशासन की भावना से सही दिशा प्रदान करना है।”
बैठक में, खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने मसौदा विधेयक पर चर्चा में योगदान देने संबंधी अवसर की सराहना की। उन्होंने अपने सुझाव साझा करते हुए जोर दिया कि यह पहल भारतीय खेलों में समावेशी और खिलाड़ी-केंद्रित प्रशासन की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
इस कार्यक्रम में अर्जुन पुरस्कार विजेताओं, खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं, ओलंपियन, पैरालिंपियन और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता प्रशिक्षकों सहित प्रतिष्ठित खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसमें लगभग 40 खिलाड़ी और कोच व्यक्तिगत रूप से बैठक में शामिल हुए, जबकि लगभग 120 वर्चुअल रूप से शामिल हुए। रोंजन सोढ़ी, मनशेर सिंह, नीरज चोपड़ा, गुरबख्श सिंह, अशोक कुमार ध्यानचंद, भवानी देवी, निखत ज़रीन, अंकुर धामा, महा सिंह राव, डॉ. सत्य पाल सिंह जैसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने मसौदा विधेयक पर अपने विचार और सुझाव दिए।
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