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Dr. Mansukh Mandaviya inaugurates NDTL Annual Conference-2025 on Anti-Doping Science Innovations and Challenges
भारत

डॉ. मनसुख मांडविया ने “एंटी-डोपिंग विज्ञान: नवाचार और चुनौतियां” विषय पर एनडीटीएल वार्षिक सम्मेलन-2025 का उद्घाटन किया

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में “एंटी-डोपिंग विज्ञान: नवाचार और चुनौतियां” विषय पर राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) वार्षिक सम्मेलन-2025 का उद्घाटन किया, जिसमें खेल और वैज्ञानिक समुदायों के प्रमुख हितधारक सम्मिलित हुए। इस सम्मेलन में केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा निखिल खडसे, सचिव (खेल) श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल और एनडीटीएल के निदेशक प्रो. (डॉ.) पी. एल. साहू ने भाग लिया।

डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने मुख्य भाषण में खेलों में स्वच्छ और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी। उन्होंने डोपिंग के बारे में प्रारंभिक शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए स्कूली पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान शुरू करने की वकालत की। उन्होंने सभी एथलीटों को एंटी-डोपिंग नियमों के बारे में अच्छी जानकारी होना सुनिश्चित करने के लिए खेल महासंघों और संगठनों की अधिक भागीदारी की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने एंटी-डोपिंग विज्ञान में अत्याधुनिक शोध और तकनीकी प्रगति की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए एथलीटों के करियर की रक्षा करने तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों की विश्वसनीयता बनाए रखने में उनके महत्व को रेखांकित किया।

इस कार्यक्रम ने वैज्ञानिकों, प्रशिक्षकों, शारीरिक शिक्षा पेशेवरों, खेल महासंघों और छात्रों को एंटी-डोपिंग विज्ञान में नवीनतम प्रगति और चुनौतियों के बारे में व्यावहारिक चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। सम्मेलन ने डोपिंग का पता लगाने में वैज्ञानिक नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, प्रतिबंधित पदार्थों की निरंतर विकसित होती प्रकृति पर गौर किया और खेलों की अखंडता बनाए रखने के लिए सहयोगपूर्ण प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया।

विषय के जानकारों ने एंटी-डोपिंग विज्ञान में नवाचार सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा करते हुए पता लगाने के तरीकों और परीक्षण तकनीकों में हुई अभूतपूर्व प्रगति की पड़ताल की। उन्होंने पता न लग पाने वाले पदार्थों के बढ़ने सहित उभरते खतरों से निपटने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए डोपिंग की रोकथाम की राह में मौजूद चुनौतियों पर भी गौर किया। इसके अतिरिक्त, चर्चाओं में जागरूकता बढ़ाने, प्रवर्तन को मजबूत करने और खेलों की अखंडता को बनाए रखने के लिए महासंघों, वैज्ञानिकों और शिक्षकों के बीच सहयोगपूर्ण प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देते हुए स्वच्छ खेलों को बढ़ावा देने में हितधारकों की भूमिका को रेखांकित किया गया।

सम्मेलन में इंटरैक्टिव सत्र, विशेषज्ञ पैनल चर्चाएँ और भारत में एंटी-डोपिंग उपायों को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई जानकारी साझा करने वाली पहल भी शामिल थीं। युवा विद्वानों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी ने नैतिक खेल प्रथाओं के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया और ऐसी पहलों के महत्व को रेखांकित किया।

एनडीटीएल वार्षिक सम्मेलन-2025 ने वैश्विक एंटी-डोपिंग मानकों को बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और डोपिंग मुक्त खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व किया। अपने समापन भाषण में, एनडीटीएल के निदेशक ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, वक्ताओं, पैनलिस्टों और प्रतिभागियों का उनके अमूल्य योगदान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने, वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने और खेलों में डोपिंग से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नीतियों को आकार देने के लिए ज्ञान को साझा करने की इस तरह की पहल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

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