डीआरडीओ ने सबसे हल्के फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एफएचएपी) से युक्त बुलेट प्रूफ जैकेट (बीपीजे) विकसित किया है। इस जैकेट को दो कॉन्फ़िगरेशन – इन-कंजंक्शन-विथ (आईसीडब्ल्यू) और एफएचएपी के विभिन्न क्षेत्रीय घनत्व के साथ स्टैंडअलोन – में विकसित किया गया है। इस बुलेट प्रूफ जैकेट को डीआरडीओ की परियोजना के तहत विकसित किया गया है। इसके उत्पादन के लिए डीआरडीओ की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) नीति और प्रक्रिया के अनुसार विकसित प्रौद्योगिकी को भारतीय उद्योगों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
यह बीपीजे नए डिजाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें नवीन सामग्री के साथ-साथ नई प्रक्रियाओं का उपयोग किया गया है। यह बीपीजे बीआईएस मानक 17051 की पुष्टि करता है और इसलिए, यह स्तर 6 का सबसे हल्का बीपीजे है तथा मध्यम आकार के लिए इसका वजन लगभग 10.1 किलोग्राम वजन है, जो ऑपरेशन के दौरान पहनने की क्षमता एवं आराम को बढ़ाता है। इस जैकेट में अन्य संबंधित सुविधाओं के साथ- साथ क्विक रिलीज मैकेनिज्म (क्यूआरएम) की एक अनूठी विशेषता भी है। यह बीपीजे आज की तारीख में भारतीय सशस्त्र बलों/सीएपीएफ के जवानों को 7.62×54 आर एपी/एपीआई राउंड के अधिकतम संभावित खतरे से बचाएगा।
यह जानकारी रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने आज लोकसभा में सीएम रमेश को एक लिखित उत्तर में दी।
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