मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 146 के अनुसार भारतीय सड़कों पर चलने वाले मोटर वाहनों के पास थर्ड पार्टी जोखिमों को कवर करने वाली बीमा पॉलिसी होनी अनिवार्य रूप से आवश्यक है।
कानूनी आवश्यकता होने के अलावा, मोटर थर्ड पार्टी बीमा कवर होना एक दायित्वपूर्ण सड़क उपयोगकर्ता होने का एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि यह दुर्घटनाओं या क्षति के मामले में पीड़ितों को सहायता प्रदान करता है।
जो लोग वैध मोटर थर्ड पार्टी बीमा के बिना बीमा रहित वाहन चलाते हैं या चलाने देते हैं, उन्हें कानून के उल्लंघन के लिए कारावास सहित दंडित किया जा सकता है।
ऐसे अपराधियों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 196 के अंतर्गत दंडित किया जा सकता है:
वाहन मालिकों को अपने-अपने मोटर वाहनों के मोटर थर्ड पार्टी बीमा की स्थिति की जांच करनी चाहिए और यदि उन्होंने पहले से ऐसा नहीं किया है, तो जल्द से जल्द अपना बीमा प्राप्त करना / नवीनीकृत कराना चाहिए।
उपर्युक्त दंड प्रावधान प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा उन वाहनों पर लगाए जाएंगे जो वैध मोटर थर्ड पार्टी बीमा कवर के बिना चलते पाए जाते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली अस्पताल निर्माण घोटाले से जुडे मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री…
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में गृह मंत्रालय (MHA) के सीमा प्रबंधन…
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भविष्य के युद्धों में जीत सुनिश्चित करने…
भारत और वैश्विक दूरसंचार समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में 3जीपीपी रेडियो…
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान तीन राज्यों में ग्रामीण स्थानीय निकायों के…
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मीडिया में आई उन खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया है…