विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आतंकवाद, आर्थिक अस्थिरता और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया है। उन्होंने कहा कि ये चुनौतियाँ आपस में जुड़ी हैं और राष्ट्रीय सीमाओं से परे हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के प्रतिस्पर्धी पहलुओं से आगे बढ़कर अधिक सहयोग का दृष्टिकोण अपनाने पर ज़ोर दिया। डॉ. जयशंकर ने नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति सेनेा के लिये सैनिकों के योगदानकर्ता देशों के प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
भारत ने सभी समाजों और लोगों के लिए न्याय, सम्मान, अवसर और समृद्धि की हमेशा वकालत की है। यही कारण है कि हम बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों में अपना विश्वास रखते हैं।
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने आज गुरुग्राम में ब्रह्म कुमारी के ओम शांति रिट्रीट सेंटर (ओएसआरसी)…
विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) आधारित…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 7 दिसंबर, 2025 को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 125…
भारत ने अपनी स्थापित विद्युत क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त कर…
प्रधानमंत्री मोदी ने आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के बहादुर…
व्यापक मांग के बाद, भारतीय रेलवे ने सर्दियों के मौसम में व्यापक उड़ान रद्द होने…