प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को हिरासत में लिया है। कांग्रेस के बल्लारी ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक को कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में कथित घोटाले की जांच के लिए आज सुबह बेंगलुरु में हिरासत में ले लिया गया।
इस घोटाले में 187 करोड़ रुपये की धनराशि अवैध रूप से हस्तांतरित की गई थी। आरोप है कि कुल राशि में से 88 करोड़ 62 लाख रुपये आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित सहकारी बैंक सहित अन्य के विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दिए गए।
प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में कल कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 20 स्थानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद आज पूर्व मंत्री को पूछताछ के लिए निदेशालय ले जाया गया। निगम के लेखा अधीक्षक पी0 चंद्रशेखरन ने अपनी आत्महत्या नोट में बताया था कि सहकारिता से धन के हस्तांतरण में निलंबित सहकारी प्रबंध निदेशक, लेखा अधिकारी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक शामिल हैं।
इस हस्तांतरण का मौखिक आदेश जनजातीय मामलों के पूर्व मंत्री बी0 नागेंद्र ने दिया था। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबिकर के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया है। यूनियन बैंक ने मामला सीबीआई को सौंप दिया है।
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