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चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता के सख्त कार्यान्वयन के निर्देश जारी किए

निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने 6 अक्टूबर, 2025 को बिहार विधान सभा के आम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की। इस घोषणा के साथ, चुनाव आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को राज्य में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। जहां तक बिहार के लिए घोषणाओं/नीतिगत निर्णयों का संबंध है, आदर्श आचार संहिता केंद्र सरकार पर भी लागू होगी।

आयोग ने सरकारी, सार्वजनिक और निजी संपत्ति से विरूपण हटाने, किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या चुनाव से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा सरकारी वाहन या सरकारी आवास का दुरुपयोग करने, सरकारी खजाने की लागत पर विज्ञापन जारी करने पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

नागरिकों की निजता का सम्मान किया जाना चाहिए और निजी आवासों के बाहर कोई प्रदर्शन या धरना नहीं होना चाहिए। भूमि, भवन या दीवारों का उपयोग मालिक की सहमति के बिना झंडे, बैनर या पोस्टर लगाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

एक शिकायत निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है जिसमें एक कॉल सेंटर नंबर 1950 भी शामिल है। इसके माध्यम से कोई भी आम नागरिक या राजनीतिक दल संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी/क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। यह प्रणाली अब 24X7 कार्यरत है।

नागरिक/राजनीतिक दल ECINET पर C-Vigil ऐप का उपयोग करके भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघनों की रिपोर्ट कर सकते हैं। शिकायतों पर 100 मिनट के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में 824 उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं।

राजनीतिक दलों को यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को सक्षम बनाने, निषेधाज्ञा का पालन करने और लाउडस्पीकर या अन्य सुविधाओं के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए बैठकों और जुलूसों की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना आवश्यक है।

मंत्रीगण अपने आधिकारिक कर्तव्यों को चुनाव प्रचार के साथ नहीं जोड़ेंगे, अथवा प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी, परिवहन या कार्मिकों का उपयोग नहीं करेंगे।

आयोग ने आगे निर्देश दिया है कि चुनाव संचालन से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध रहेगा।

सभी स्तरों के अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता को लागू करने में निष्पक्षता से कार्य करने, सभी पक्षों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करने और सरकारी सुविधाओं के दुरुपयोग को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें सभाओं, जुलूसों और मतदान व्यवस्थाओं का निष्पक्ष संचालन करना होगा, कानून-व्यवस्था बनाए रखनी होगी और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनाए रखनी होगी।

यह भी निर्देश दिया गया है कि मैदान और हेलीपैड जैसे सार्वजनिक स्थल सभी दलों को समान शर्तों पर समान रूप से उपलब्ध होने चाहिए। ECINET पर सुविधा मॉड्यूल सक्रिय कर दिया गया है, जहां राजनीतिक दल ऐसे सार्वजनिक स्थलों के उपयोग के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्हें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आवंटित किया जाना चाहिए।

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