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Election Commission's crackdown on money power and inducements in Lok Sabha elections leads to agencies seizing Rs 8,889 crore
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लोकसभा चुनाव में धनबल और प्रलोभन पर चुनाव आयोग की कार्रवाई से एजेंसियों ने 8,889 करोड़ रुपये की जब्ती की

लोकसभा चुनाव में धनबल और प्रलोभन पर चुनाव आयोग की दृढ़ एवं ठोस कार्रवाई से एजेंसियों ने 8,889 करोड़ रुपये की जब्ती की है। ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों सहित प्रलोभनों के खिलाफ बढ़ी हुई सतर्कता के कारण बड़ी जब्ती और कार्रवाई में निरंतर वृद्धि हुई है। मादक पदार्थों की बरामदगी अधिकतम रही है। व्यय निगरानी, सटीक डेटा व्याख्या और प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जिलों और एजेंसियों की नियमित अनुवर्ती समीक्षा के कारण 1 मार्च से जब्ती में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ड्रग्स, शराब, कीमती धातुएं, मुफ्त उपहार, नकदी अलग-अलग स्तरों पर चुनावों को प्रभावित करती है, कुछ सीधे तौर पर प्रलोभन के रूप में प्राप्त होती हैं जबकि अन्य धन के प्रचलन के कम स्तर के माध्यम से प्राप्त होती हैं। इस प्रकार, इन अवैध गतिविधियों से प्राप्त आय को राजनीतिक अभियानों से जोड़ने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विस्तृत रिपोर्ट अनुबंध-ए में है।

आयोग ने नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों की जब्ती पर विशेष जोर दिया है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जो राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ट्रांजिट जोन हुआ करते थे, वे तेजी से उपभोग क्षेत्र बनते जा रहे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक समीक्षा दौरे के दौरान नोडल एजेंसियों को कहा कि “चुनावों में मादक पदार्थों के व्यापार से प्राप्त अवैध धन की भूमिका को जड़ से समाप्त करने के लिए दवाओं और नशीले पदार्थों के खिलाफ एजेंसियों द्वारा सटीक खुफिया सूचना पर आधारित सहयोगात्मक प्रयास समय की आवश्यकता है तथा अधिक महत्वपूर्ण और समग्र रूप से, युवाओं और इस प्रकार देश के भविष्य को बचाने के लिए।” मादक पदार्थों की जब्ती में योगदान 3,958 करोड़ रुपये है जो कुल जब्ती का 45 प्रतिशत है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने ईसी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ एनसीबी के समर्पित नोडल अधिकारियों द्वारा कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विश्लेषण-आधारित सक्रिय कार्रवाई करने के लिए डीजी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ बैठकें कीं। इसी तरह वर्तमान में चल रहे चुनावों के दौरान डीआरआई, भारतीय तटरक्षक, राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई। इन सभी उपायों से चुनाव की घोषणा के बाद दो महीनों में महत्वपूर्ण जब्ती हुई है।

पिछले तीन चरणों में चुनाव प्रचार में तेजी को देखते हुए आयोग प्रलोभन के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयासों पर कड़ी नजर रख रहा है और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों तथा प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया है। आयोग ड्रग्स और अन्य प्रलोभनों के खिलाफ प्रहार जारी रखेगा।

गुजरात एटीएस, एनसीबी और इंडियन कोस्ट गार्ड ने संयुक्त अभियानों में केवल तीन दिनों में ड्रग्स की तीन उच्च मूल्य वाली जब्ती की है, जिसकी कीमत 892 करोड़ रुपये है।

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