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Finance Bill, 2024 passed in Lok Sabha today
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लोकसभा में आज वित्त विधेयक, 2024 पारित हो गया

लोकसभा में आज वित्त विधेयक, 2024 पारित हो गया। विधेयक के पारित होने के साथ ही वित्‍त वर्ष 2024- 2025 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्ताव प्रभावी हो गए हैं और बजट प्रक्रिया पूरी हो गई है। लोकसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि मोदी सरकार का उद्देश्‍य कर ढांचे को सरल बनाने के साथ ही देश में विकास तथा रोजगार के अवसर बढाना है।

लोकसभा में वित्त विधेयक 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले एक दशक में कर ढांचे में बडे बदलाव किए हैं। उन्होंने बताया कि करों में इजाफा किये बिना सरकार अधिक पारदर्शिता के साथ नियमों के अनुपालन को आसान बनाते हुए एक सरल कराधान व्यवस्था लेकर आई है।

मध्यम वर्ग पर टैक्स के बोझ के विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 2023 में व्यक्तिगत आयकर के स्लैब को काफी उदार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सभी करदाताओं की कर देनदारी 37 हजार 500 रुपये कम हो गयी है, इसका मध्यम वर्ग को फायदा होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस बार बजट में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए नई व्यवस्था में मानक कटौती को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। वेतनभोगी कर्मचारियों को इससे 17 हजार 500 रुपये तक की राहत मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी, जो नई व्यवस्था का विकल्प चुनना चाहते हैं उनके मामले में नियोक्ता के योगदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी से निपटने के खर्चों की भरपाई के लिए नागरिकों पर कोई कर नहीं लगाया गया। 2024 के अंतरिम बजट में नब्बे लाख करदाताओं की छोटी, पुरानी और छोटी असत्यापित कर मांगों को रिकॉर्ड से पूरी तरह हटा दिया गया। स्टार्ट अप के लिए एंजेल टैक्स को हटाना भी एक बड़ी राहत है। .

अप्रत्यक्ष करों पर वित्त मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए सीमा शुल्क की प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बजट में सूचीबद्ध कई वस्तुओं पर सीमा शुल्क कम करने का उद्देश्य कच्चे माल की कीमतों में कमी लाना और घरेलू उत्पादन के लागत में कमी लाना है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले महीने की 31 तारीख तक 2024-25 के लिए रिकॉर्ड संख्या में 7 दशमलव 28 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 7 दशमलव 5 प्रतिशत अधिक हैं। उन्होंने कहा कि यह कर आधार के विस्तार का संकेत देता है।

इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए, भाजपा के जगदंबिका पाल ने कहा, वित्त विधेयक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए इस वर्ष के बजट में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, मौजूदा बजट देश में कराधान प्रणाली को सरल बनायेगा. उन्होंने एंजेल टैक्स खत्म करने के सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बड़ी राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है। कांग्रेस के मुहम्मद हमदुल्ला सईद ने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट्स को अधिक छूट दे रही है और आम लोगों द्वारा भुगतान किए जाने वाले करों की तुलना में उनकी कर देनदारियां कम हैं। उन्होंने सरकार से इंडेक्सेशन मुद्दे से संबंधित अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया।

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