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Global economists warn of recession in US after President Trump's retaliatory tariffs
अंतर्राष्ट्रीय बिज़नेस

ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू की गई शुल्‍क नीतियों के कारण विश्‍वभर में वैश्विक बाजारों में गिरावट

ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में लागू की गई शुल्‍क नीतियों के कारण विश्‍वभर में वैश्विक बाजारों में बिकवाली हो रही है। नैस्डैक-100, एसएंडपी-500 और निक्केई-225 वायदा जैसे प्रमुख सूचकांकों में बड़ी गिरावट देखी गई,। निक्केई वायदा में सर्किट ब्रेकर सक्रिय हो गए। वायदा बाजारों ने इस वर्ष अमरीका में लगभग पांच चौथाई अंकों की ब्याज दर कटौती को तेजी से मूल्यांकित किया। इस कारण ट्रेजरी मुनाफ़ा में तेज गिरावट आई और डॉलर कमजोर हुआ।

आज की गिरावट की मुख्‍य वजह विश्‍व की दो सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाअें के बीच बढ़ते कारोबारी संघर्ष है। अमरीका द्वारा शुल्‍क बढ़ाये जाने के बाद चीन ने कई अमरीकी उत्‍पादों पर जवाबी शुल्‍क लगाया। इस कारण चीनी स्‍टॉक मार्केट 10% की गिरावट के साथ खुला। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि निवेशकों को अपना उपचार करना होगा। उन्‍होंने कहा कि जब तक अमरीका का व्यापार घाटा ठीक नहीं हो जाता, तब तक चीन के साथ कोई समझौता नहीं होगा। इस कारण अनिश्चितता और बढ़ गई है।

बाजारों में भय का माहौल है। एशिया को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जापान के निक्केई में 7%, दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 5% और हांगकांग के हैंगसेंग में 10% से अधिक की गिरावट आई है। बाजार के नकारात्‍मक असर ने भारत को भी प्रभावित किया है। यहां सेंसेक्‍स और निफ्टी सुबह के कारोबार में साढ़े तीन प्रतिशत से अधिक गिरावट के साथ खुला है। यह व्‍यापारिक तनावों के कारण वैश्विक बाजार की गिरावट कोदर्शाता है।

इस उथल-पुथल के बावजूद ट्रंप ने अपने शुल्‍क का बचाव करते हुए कहा है कि विश्‍व के नेता एक समझौता करने को इच्‍छुक है। इन घटनाक्रमों ने बाजारों में संभावित स्थिरता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी है।

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